उत्तर प्रदेश शासन के निर्देशानुसार प्रमुख सचिव वित्त श्री आनन्द मिश्र के मार्ग निर्देशन में अब कोषागारों में इलेक्ट्रानिक गतिविधियों से कार्य कराने की सराहनीय व्यवस्था लागू की जा चुकी है। यह जानकारी कोषागारपेंशन निदेशक श्री महेश कुमार अगिनहोत्री ने दी। उन्होंने बताया कि र्इ-पेमेंट, सेण्ट्रल सर्वर, र्इ-रिसीट एकीकृत भुगतान एवं लेखा कार्यक्रम, र्इ-पेंशन आनलार्इन बजट आवंटन, र्इ-स्टैमिपंग आनलाइन वेतन पर्ची, कोषागारों में इण्टरनेट कनेक्टीविटी, आनलार्इन देयक प्रस्तुतीकरण तथा आनलार्इन सी0सी0एल0 निर्गत किये जाने की व्यवस्था अब इलेक्ट्रानिक गतिविधियों से शासकीय अधिकारियों कर्मियों के वेतन पेंशन तथा अन्य देयों के भुगतान की व्यवस्था की जायेगी जिससे उन्हें कोर्इ कठिनार्इ नहीं होगी।
निदेशक कोषागारपेंशन श्री महेशकुमार अगिनहोत्री ने बताया कि इलेक्ट्रानिकली संचालित इस व्यवस्था के तहत अब किसी भी दशा में 31 मार्च को सायं 8 बजे के बाद देयक का भुगतान कराया जाना संभव नहीं होगा। इसी क्रम में र्इ-पेमेण्ट की व्यवस्था 01 अप्रैल, 2013 से पूर्णतया लागू की जा चुकी है जिसके अन्तर्गत देयकों का कोषागार से टोकन लेने के उपरान्त आहरण एवं वितरण अधिकारी के स्तर पर वचर्ुअल चेक जेनेरेट करते हुए अधिकृत करके इसे कोषागार स्तर पर अधिकृत किये जाने हेतु आन लार्इन प्रेषित किया जाता है। कोषागार स्तर पर देयक के परीक्षणोंपरान्त सही पाये जाने पर इसे इण्टरनेट नेफ्ट के माध्यम से इलेक्ट्रानिकली बैंक द्वारा भुगतान कराया जाता है। जिससे देयक की धनराशि सम्बंधित व्यकित के खाते में सीधे हस्तांतरित हो जाती है। जिन प्रकरणों में नकदपैट्रोल आदि की आवश्यकता होती है उनमें बैंक ड्राफ्ट बनाये जाने का भी प्राविधान रखा गया है। इस व्यवस्था के बाद भौतिक रूप से चेक निगर्मन की व्यवस्था पूर्णत: समाप्त हो चुकी है।
श्री अगिनहोत्री ने बताया कि सेण्ट्रल सर्वर के माध्यम से समस्त कोषागारों का डाटा आन लार्इन एन0आर्इ0सी0 सिथत सेण्ट्रल सर्वर पर तथा इसका बैकअप वित्तीय सांख्यकीय निदेशालय में स्वत: प्राप्त किये जाने की व्यवस्था में बाराबंकी कोषागार का कार्य प्रायोगिक तौर पर 15 जनवरी, 2014 से प्रारम्भ कराया जा चुका है। सफल परीक्षण के बाद सभी कोषागारों में इसे शीघ्र ही लागू किया जायेगा। इससे कोषागार स्तर पर भुगतान कराये जाने वाले देयकों का सम्पूर्ण विवरण एक स्थल पर हो सकेगा व इसका उपयोग महालेखाकार भारतीय रिजर्व बैंक, भारत सरकार तथा शासन स्तर पर कुशलता पूर्वक कर सकेंगे। व्यवस्था यह भी की जायेगी जिससे महालेखाकार को जी0पी0एफ0 व अगि्रम कटौतियों का डाटा इलेक्ट्रानिकली आनलार्इन ही प्रेषित किया जा सके।
श्री अगिनहोत्री ने बताया कि र्इ-रिसीट की व्यवस्था रहेगी अभी तक मैनुअल चालान के आधार पर राजकीय प्रापितयों को स्वीकार किया जाता है। अब इसके स्थान पर एस0बी0आर्इ0 से आनलार्इनआफलार्इन कैश, चेकड्राफ्ट प्रापितयों को स्वीकार किये जाने का कार्य प्रयोग 13 जनवरी, 2014 से शुरू किया जा चुका है। आफ लार्इन कैश, चेक ड्राफ्ट प्रापितयों का कार्य एस0बी0आर्इ0 की राजकीय व्यवस्था विभाग से प्रारम्भ किया गया है। इस प्रकार प्राप्त सभी धनराशियों का लेखा-जोखा रखे जाने का कार्य लखनऊ कलेक्ट्रेट कोषागार को सौंपा गया है। र्इ-रिसीट के माध्यम से धनराशि जमा करने वाले व्यकित को खोलकर जिस विभाग से सम्बंधित धनराशि जमा की जानी है तथा जमा के विकल्पों को चुनते हुए एस0बी0आर्इ0 के पोर्टल में प्रवेश करना होगा और उसके उपरान्त नेट बैंकिंगडेबिटकार्ड के चुने विकल्प के अनुरूप प्रकि्रया अपनाते हुए धनराशि जमा की जायेगी जिनके द्वारा आफलार्इन भुगतान किया जाना है वह इस सार्इट का उपयोग करते हुए ‘चालान भरते हुए इसका प्रिण्ट आउट निकालकर एस0बी0आर्इ0 की व्यवसायिक शाखा में जमाकर सकते हैं। एस0बी0आर्इ0 से भिन्न अन्य बैंकों के माध्यम से भी धनराशि आनलार्इन जमा किये जाने हेतु एस0बी0आर्इ0 के ए0जी0एम0 से हुर्इ वार्ता के क्रम में इस प्रकि्रया को निर्धारित किये जाने के सम्बंध में अवगत कराया है।
कोषागार निदेशक ने बताया कि एकीकृत भुगतान एवं लेखा कार्यालय (आर्इ0पी0ए0ओ0)- राजकीय कर्मचारियों के वेतन देयक वर्तमान में विभागों द्वारा तैयार करके कोषागार से भुगतान कराया जाता है। जिसकी प्रकि्रया में परिवर्तन करते हुए अब सभी कर्मचारियों का डाटाबेस कोषागार में रखा जायेगा जो मिशन मोड के तहत प्राप्त धनराशि के संदर्भ में एक शर्त भी है व इस प्रकार कोषागार में रखें इस डाटाबेस से ही विभाग स्तर पर कर्मचारियों के वेतन देयक तैयार किये जायेंगे और उन्हें अपलोड करके कोषागार सर्वर पर आनलार्इन प्रस्तुत करते हुए, इसके सभी शिडयूल सहित इसका कम्प्यूटरार्इज्ड प्रिण्ट आउट लेकर कोषागार के देयक के परीक्षण हेतु प्रस्तुत किया जायेगा जिसे कोषागार द्वारा र्इ-पेमेण्ट के माध्यम से सम्बंधित कर्मचारी के खाते मं धनराशि स्थानान्तरित करने की कार्यवाही कर दी जायेगी। यदि कोर्इ अधिकारीकर्मचारी स्थानान्तरित होकर अथवा नर्इ नियुकित पाकर आता है तो ऐसी सिथति में उसे इसकी पुषिट स्वरूप समुचित सम्बंधित साक्ष्य कोषागार को देकर डाटाबेस को अपडेट करना होगा उसके बाद ही उस कर्मचारी का देयक आन लार्इन अपलोड हो सकेगा। इस व्यवस्था से सभी अधिकारियों कर्मियों का शुद्ध डाटा बन सकेगा। किसी फर्जी व्यकित को शामिल कर उनके वेतन आहरण की कोर्इ संभावना नहीं रहेगी। इस प्रणाली से नर्इ पेंशन योजना के तहत कर्मचारी व नियोक्ता अंशदान की स्वत: कटौती हो जायेगी तथा पुरानी पेंशन योजना के अन्तर्गत कर्मचारी कोड, डी0डी0ओ0 द्वाीरा भरे जाने पर कर्मचारी से सम्बंधित आवश्यक डाटा र्इ-पेंशन प्रपत्र में स्वत: ही भर जायेंगे व इन शुद्ध आकड़ों से पेंशन प्राधिकार पत्र तैयार हो सकेंगे। इन कर्मचारियों के जी0पी0एफ0 व अन्य अगि्रम देयों की धनराशि भी आन लार्इन महालेखाकार समुचित रख-रखाव हेतु प्रेषित की जा सकेगी।
निदेशक कोषागार एवं पेंशन श्री महेश कुमार अगिनहोत्री ने बताया कि र्इ-पेंशन की सुविधा भी लागू कर दी गयी है। वर्तमान में पेंशन स्वीकृति का कार्य मैनुअली तैयार किये गये पेंशन प्रपत्रों के आधार पर किया जाता है जिससे सम्बंधित विभाग द्वारा पेंशन स्वीकर्ता अधिकारी को उपलब्ध कराया जाता है व जहाँ इनका परीक्षण कर आपतित पाये जाने पर उन्हें वापस कर दिया जाता था तथा सही पाये जाने पर पेंशन ग्रेच्युटी इत्यादि प्राधिकार पत्र जारी करके कोषागार को डाक से भेजा जाता है जिससे विलम्ब होता है। इससे छुटकारा दिलाने हेतु फुलप्रूफ पेंशन तैयार किये जाने की दृषिट से इसे अब आन लार्इन किया गया हैं अब मैनुअल आधार पर तेयार पेंशन प्रपत्र के साथ र्इ-पेंशन प्रपत्र डी0डी0ओ0 द्वारा अपलोड किये जायेंगे इससे मूल कर्मचारी का डाटा आर्इ0पी0ए0ओ0 सिस्टम से इम्पलार्इ कोड भरकर स्वत: लिया जयेगा तथा कुछ अन्य सूचनायें भरनी होगी।
निदेशक श्री अगिनहोत्री ने बताया कि इस प्रकार आहरण वितरण अधिकारी (डी0डी0ओ0) द्वारा अपलोड किये गये पेंशन प्रपत्र आनलार्इन पेंशन स्वीकर्ता अधिकारी को उपलब्ध कराये जायेंगे तथा प्रत्येक स्तर पर इसकी सूचना पेंशनर के मोबार्इल पर संदेश भेजकर दी जायेगी। कोषागार से भुगतान के पूर्व पेंशनर को अपने अंगूठे का निशान बायो मैटि्रक डिवार्इस में देना होगा जिससे डी0डी0ओ0 द्वारा पेंशन प्रपत्र भरते समय पूर्व ही लेकर प्रेषित किया गया था। इसके बाद पेंशनर को वर्ष में एकबार जीवित प्रमाण पत्र दिये जाने के स्थान पर अब किसी भी स्थान से उसे बायोमैटि्रक डिवार्इस पर अंगूठे का निशान इण्टरनेट के माध्यम से टे्रजरी सिस्टम से भेजना होगा व इसी से उसके जीवित होने का सत्यापन हो सकेगा। डी0डी0ओ0 स्तर पर उक्तानुसार र्इ-पेंशन प्रपत्र अपलोड किये जाने से पूर्व उनके स्तर से विभिन्न अभिलेखों की पुषिट के अन्तर्गत वेतन निर्धारण की पुषिट किया जाना विशेष रूप से आवश्यक होता है। साफ्टवेयर तैयार कर लिया गया है जिसके अन्तर्गत सम्बंधित सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारी को दी गयी पदोन्नतियों सलेक्शन ग्रेड व ए0सी0पी0 के लाभ की इण्ट्री करने पर स्वत: वेतन निर्धारण हो जाता है। जिसे सेवा पुसितका के आधार पर निर्धारित वेतन की पुषिट की जा सकती है।
श्री अगिनहोत्री ने बताया कि नयी व्यवस्था से अब आनलार्इन बजट आवेदन की व्यवस्था की गयी है। समस्त विभागों के वित्त नियंत्रकों द्वारा उनके अधीनस्थ आहरण वितरण अधिकारी को अब आनलार्इन बजट आवंटित किया जाता है। जिसे सम्बंधित कोषागार में तदनुसार आवंटित बजट की धनराशि स्वत: अपडेट हो जाती है वर्तमान में अवंटित बजट की हार्डकापी भी कोषागारों को प्रेषित की जाती है। नयी व्यवस्था के तहत अब कोषागारों को हार्डकापी भेजने की आवश्यकता नहीं होगी। आनलार्इन बजट से बड़ी सुविधा होगी।
निदेशक कोषागार श्री अगिनहोत्री ने बताया कि र्इ-स्टैमिपंग की सुविधा प्रयोग के तौर पर अभी तक आठ जनपदों के लिए दी गयी स्वीकृति के अनुपालन में जनता को दी जा चुकी है। इस व्यवस्था से भौतिक स्टाम्पों की बिक्री से होने वाली कठिनार्इयों व उनके फर्जी होने को पूर्णत: समाप्त कर दिया गया हैं। अब इसे पूरे प्रदेश के जनपदों में लागू किये जाने की आवश्यकता है। आन लार्इन वेतन पर्ची सेण्ट्रल सर्वर के साथ आर्इ0पी0ए0ओ0 सिस्टम लागू किये जाने के उपरान्त आनलार्इन वेतन पर्ची तैयार की जायेगी। इस व्यवस्था से तैयार वेतन पर्ची आनलार्इन सीधे कोषागार में कर्मचारी के डाटा को अपडेट कर देगा और अनावश्यक विलम्ब समाप्त हो जायेगा। श्री अगिनहोत्री ने बताया कि कोषागारों में इण्टरनेट कनेक्टीविटी आनलार्इन देयक प्रस्तुतीकरण तथा आन लार्इन सी0सी0एल0 निर्गत करने की सुदृढ़ व्यवस्था शासन द्वारा की गयी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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