समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल ने अपनी बनार्इ कथित भ्रष्ट नेताओं की सूची पेश कर यह जताने की कोशिश की है कि वही अकेले र्इमानदार हैं और बाकी सारी दुनिया बेर्इमान है। ऐसी धारणा और मान्यता किसी अधकचरे नेता की ही हो सकती है। इस बेतुकी बयानबाजी से जाहिर होता है कि राजनीति में कितना क्षरण हो गया है कि अब तपे-तपाये नेतृत्व को भी कोर्इ चाहे जो कुछ कह सकता है।
श्री केजरीवाल को श्री मुलायम सिंह यादव का नाम अपनी सूची में रखने से पहले यह भी जान लेना चाहिए था कि श्री यादव के पीछे संघर्ष और त्याग का एक लम्बा इतिहास है। उन्होने जनता के हित में सतत संघर्ष किया है और राजनीति को केवल सत्ता का माध्यम नहीं बनाया है। श्री केजरीवाल की राजनीति अभी जुम्मा-जुम्मा चंद महीनों की है और उन्होने अराजकतावादी राजनीति ही की है। उनका राजनीति में कोर्इ रचनात्मक योगदान नहीं है। उन्होने अब तक केवल अपनी व्यकितगत महत्वाकांक्षा की राजनीति का साधन बना रखा है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री का र्इमानदारी का ढोंग अब चलनेवाला नहीं हैं। सभी जानते है कि खुद उन पर अन्ना हजारे के आंदोलन के दौरान उगाहे गए चंदे में गड़बड़ी करने, अपने, एनजीओ के नाम पर गैर कानूनी ढंग से विदेशी फंड लेने और विधान सभा चुनावों में आप के प्रत्याशियों द्वारा धन उगाही के (सिटंग आपरेशन से) आरोप सामने आ चुके है। जिस पर राजनीति में प्रवेश के साथ इतने दाग लगे हैं उससे राजनीति में आगे शुचिता, पारदर्शिता की उम्मीद कैसे की जा सकती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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