समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि झूठ, झूठ और सिर्फ झूठ। इसकी खेती करके ही गुजरात के मुख्यमंत्री हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री बनने का मुंगेरीलाल वाला हसीन सपना देख रहे हैं। उन्हें पता नहीं कैसे यह भ्रम हो गया है कि आर0एस0एस0 कार्यकर्ताओं की बटोरी भीड़ में भाषण कर वे देश की जनता को बरगलाने में सफल हो जायेंगे। सभाओं में सच्ची झूठी हा कराने से काम चलने वाला नहीं है।
मेरठ की धरती वीरों की धरती है, यह किसानों और जवानों की भूमि है। यहा सदभाव है। हिन्दू और मुसलमान दोनों ने यहा स्वतन्त्रता के आन्दोलन में हिस्सा लिया था। चौधरी चरण सिंह की कर्मभूमि को अलगाववादी धारा के कीचड़ में लपटने का कोर्इ भी प्रयास सफल नहीं होने वाला है। मोदी की एकता और सदभाव की बातें महज मजाक लगती है, क्योंकि लोग गुजरात के दंगों के महीनों चलते रहने और तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल जी के ”राजधर्म पालन की सीख को ठुकराने वाले गुजरात के मुख्यमंत्री को भूल नहीं सकते हैं। जब भी वे उ0प्र0 आते हैं यहा के किसानों, र्इमानदार मेहनतकश जनता और गंगा जमुनी संस्कृति का अपमान करते हेैं।
उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की चर्चा में नरेन्द्र मोदी यहा बहू-बेटियों के सम्मान और सुरक्षा की बात पता नहीं किस मुंह से करते हैं जबकि उन्होंने गुजरात की ही एक बेटी का जीवन अभिशप्त बना दिया है। एक ऐसा व्यकित जिसने अगिन के समक्ष सात फेरे लिए थे उसने अपनी 17 वर्श की पत्नी यशोदा बेन को घर में लाकर उपेक्षा और तिरस्कार के साथ पूरा जीवन अकेले, निस्सहाय जीने के लिए छोड़ दिया उससे यह आशा कैसे की जा सकती है कि वह सीमा पर संकट और राष्ट्र के समक्ष पेश होने वाली समस्याओं का सामना करने के बजाय मौके पर दगा देकर भाग जाएगा। उनका 56 इंच का नकली सीना सबको दिख गया है।
हमेषा की तरह नरेन्द्र मोदी का भाषण तथ्यों से परे ही रहा है। उ0प्र0 में गन्ना किसानों के लिए झूठी हमदर्दी दिखाने वाले मोदी जी को मालूम होना चाहिए कि अभी हाल में मेरठ की मोहिउददीनपुर चीनी मिल को स्वंय मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने जाकर शुरू कराया था। गन्ना किसानों के भुगतान के लिए उ0प्र0 सरकार ने अलग से धनराशि दी है और इस सम्बन्ध में मिल मालिकों पर भी सख्ती की है। बिजली संकट की कहानी वे हर जगह सुनाते हैं जबकि जनता भी यह हकीकत जानती है कि यह पिछली सरकार की देन है। समाजवादी पार्टी सरकार तो प्रदेश को बिजली संकट से निजात दिलाने में लगी है। उ0प्र0 गुजरात से विकास के कर्इ क्षेत्रों में आगे है और यहा समाजवादी पार्टी सरकार में भ्रष्टाचार की शिकायतें भी नहीं हैें।
सच तो यह है कि नरेन्द्र मोदी की दृषिट संकीर्ण है और संकुचित है। उनके भाषणों से यही लगता है कि वे जैसे गुजरात को ही पूरा हिन्दुस्तान समझते हैं। 06 करोड़ की आबादी वाले गुजरात की तुलना 20 करोड़ से अधिक के उत्तर प्रदेश से हास्यास्पद है। देश के सबसे बड़े प्रदेश के विकास के लिए श्री अखिलेश यादव ने जितने कदम उठाए हैं, उनकी कोर्इ तुलना नहीं है। मोदी केवल अनर्गल प्रलाप करते हैं उनके पास देश के विकास का कोर्इ ऐजेन्डा नहीं है। उनकी अपनी लोकप्रियता का प्रमाण यह है कि खुद वे मेरठ में सभास्थल का मैदान भरने के लिए घंटे भर तक इंतजार करते रहे। इस सभा में न नौजवान थे, न मुसलमान और नहीं गरीब। वे समाजवादी पार्टी की विशाल रैलियों से डर गए हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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