माननीय इस्पारत मंत्री श्री बेनी प्रसाद वर्मा ने इस्पात उपभोक्ता परिषद की 24 वीं बैठक की अध्यक्षता लखनऊ में 3 फ़रवरी 2014 को की । इस अवसर पर इस्पात मंत्रालय और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के वरिष्ठ अधिकारीए प्रमुख इस्पारत उत्पादकोंए इस्पाधत उपभोक्ताओं के संघों और परिषद के मनोनीत सदस्य शामिल थे ।
सभा को संबोधित करते हुए श्री वर्मा ने कहाए ष् भारत के महान नेताओं की दूरदृष्टि और सरकार के प्रयासों के कारणए भारत आज दुनिया का चौथा सबसे बड़ा इस्पाओत उत्पा्दक और विकास दर के मामले में शीर्ष 10 इस्पा।त उत्पाचदक देशों की श्रेणी में दूसरा सबसे अच्छा देश है ।ष् वर्तमान में भारत की इस्पाेत उत्पादन क्षमता सालाना 96 मिलियन टन हैए जिसकी विस्तार धीरे . धीरे किया जा रहा है और 2025 तक इसकी क्षमता 300 मिलियन टन तक पहुंचने की परिकल्पना की गई है। मंत्री ने यह भी बताया कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक रूपरेखा तैयार की जा रही है ।
श्री वर्मा ने घोषणा की कि सरकार के प्रयासों के कारण भारत अप्रैल.दिसंबरए 2013 के दौरान इस्पावत का शुद्ध निर्यातक बन गया। उन्होंने सभा को इस बात से भी अवगत कराया कि इस्पात मंत्रालय भारत सरकार के तहत पहला मंत्रालय है जिसे आईएसओ 9001रू2008 प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया है।
माननीय मंत्रीजी ने औद्योगिक विकास को बढाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि बाराबंकीए लखीमपुरए हरदोईए झांसीए कैसरगंजए मिर्ज़ापुरए अम्बेडकर नगर और बहराइच प्रत्येक में एक एक और गोण्डाा में दो फैक्टरियां लगाई जा रही हैं। प्रत्ये क संयंत्र करीब 100 करोड़ रु की लागत से लगाया जाएगा और इससे 200 लोगों को रोज़गार मिलेगा। इसके अतिरिक्तए रायबरेली में एक व्हील प्लाण्ट और जगदीशपुर तथा गोण्डा में 500.500 मेगावाट क्षमता के दो बिजली प्लाण्ट भी लगाए जा रहे हैं। प्रत्येक पर 3ए000 करोड रु का अनुमानित निवेश लगेगा और लगभग 1000 लोगों को रोज़गार मिलेगा। जगदीशपुर में 13ए000 टन वर्षिक क्षमता की एक और स्टील यूनिट;कोरुगेशन यूनिटद्ध लगाई जा रही है। 1ए50ए000 टन वर्षिक क्षमता वाली एक टीएमटी बार मिल स्थापित की जा रही है। गोरखपुर और गोण्डा में स्टॉकयार्ड भी बनाए जा रहे हैं।
माननीय इस्पात मंत्री ने कहा कि सरकार विभिन्न नीतिगत उपायों के माध्यम से इस्पात उद्योग के विकास में तेजी लाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच इस्पात की खपत में अंतर पर चिंता व्यक्त की और इसे पाटने के लिए उठाए गए कदमों को गिनाए। उन्होंने इस्पा्त की मांग को पूरा करने के लिए ग्रामीण डीलरों की नियुक्ति और देश के दूरस्थ भागों में कम कीमत पर गुणवत्ता पूर्ण इस्पात उपलब्धए कराने के लिए इस्पात प्रसंस्करण इकाइयां लगाने के बारे में बताया।
माननीय मंत्री कच्चे माल की सुनिश्चितताए कुशल और लागत प्रभावी लॉजिस्टिक्स ;रसदद्ध और इस्पासत उत्पाेदन के लिए उन्नत तकनीक अपनाने के बारे में भी बात की।
परिषद के सदस्यों ने डीलरशिप नेटवर्क के विस्तारए लौह अयस्क की सुनिश्चितताए और बाजार के विभिन्न खंडों के लिए इस्पाेत आपूर्ति से संबंधित विभिन्न मुद्दों को उठाया ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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