हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी मकर संक्रानित के पावन पर्व पर स्थानीय गांधी प्रेक्षागृह में हरिश्चन्द्र जी की जयन्ती बड़ी धूमधाम से मनायी गर्इ। समारोह की अध्यक्षता समाज के नगर अध्यक्ष श्री जग जीवन रस्तोगी ने की। जाने माने इतिहासकार डा0 योगेश प्रवीन समारोह के मुख्य अतिथि थे, समारोह का संचालन श्री हरि जीवन रस्तोगी द्वारा किया गया।
अखिल भारतीय हरिश्चन्द्र वंशीय महासभा लखनऊ खेत्र के अध्यक्ष श्री प्रेम कुमार रस्तोगी ने समारोह को प्रारम्भ करते हुए समाज में व्याप्त कुरीतियाें को समाप्त करने एवं समाज की शादियों में मदिरापान, वैभव प्रदर्शन, बारात में सार्वजनिक नृत्य को समाप्त करने का संकल्प लेने का आवाहन किया।
इस अवसर पर हरिश्चन्द्र जी की जीवनी पर प्रसिद्ध नाटयक्रर्मी डा0 अनिल रस्तोगी ने प्रकाश डाला। समाज को संगठित करने हेतु एवं चिकन व्यवसाय मे समाज की सिथति दर्शाते हुए एक चिकन स्मारिका का प्रकाशन किया गया, जिसकस विमोचन डा0 योगेश प्रवीन ने किया। स्मारिका के प्रधान सम्पादक श्री मदन मोहन रस्तोगी ने अपने सम्बोधन में यह सुझाव दिया कि समाज के बेरोजगारों को रोजगार दिलाने हेतु एक सेवा योजना कार्यालय की स्थापना की जाए। लखनऊ हरिश्चन्द्र समाज के महामंत्री श्री लाल चन्द रस्तोगी ने संगठन द्वारा समाज के लिये किये गये अपने कार्यकाल की प्रगति प्रस्तुत की।
डा0 योगेश प्रवीन ने अपने मुख्य अतिथिय सम्बोधन में स्मारिका के प्रकाशन की भूरि-भूरि प्रशंसा की। साथ ही उन्होेने नगर के विकास कार्य गोमती पार क्षेत्र में ही किये जाने एवं पुराने लखनऊ की घोर उपेक्षा पर चिन्ता व्यक्त की। इसके साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि लखनऊ को गोमती पार नया लखनऊ और पुराने लखनऊ मे बांट दिया जाये ताकि दोनों क्षेत्रों का समान रूप से विकास हो सके।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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