विश्व के विशालतम मानव समागम का धोतक कुम्भ मेला धर्म, संस्कृति व पर्यटन के दृषिटकोण से एक अति महत्वपूर्ण आयोजन है। इस वर्ष इलाहाबाद में आयोजित होने वाले कुम्भ-3013 का शुभारम्भ 14 जनवरी, 2013 को तथा समापन 10 मार्च 2013 को हुआ। इस मेले में देश-विदेश के करोड़ों श्रद्धालु एवं पर्यटक समिमलित हुए। इन श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के लिए उत्कृष्ट अवस्थापना एवं अन्य सुविधाओं का विकास किया गया तथा लगभग रू 1200,00 करोड़ की धनराशि व्यय हुयी।
कुम्भ मेला इलाहाबाद-2013 प्रदेश सरकार के लिए एक गौरवपूर्ण आयोजन रहा। प्रदेश सरकार इसके सफल आयोजन के लिए कृत संकल्प थी तथा इस महत्वपूर्ण आयोजन के लिए नियमित रूप से उच्च स्तर पर अनुश्रवण किया जाता रहा।
कुम्भ मेला 2013 के लिए कुल 1936.56 हे0 भूमि की व्यवस्था की गयी जो पिछले कुम्भ की तुलना में 441.25 हे0 अधिक थी। कुम्भ क्षेत्र को 14 सेक्टरों में विभक्त किया गया जबकि कुम्भ मेला, 2001 में 11 सेक्टर मेें विभाजित था। इस बार मेला क्षेत्र में 99 पार्किंग स्थल विकासित किये गये जबकि पिछली बार 35 पाकिर्ंग स्थल विकासित किये गये थे। कुम्भ मेला-2013 में सुरक्षा के दृषिटकोण से सी0सी0टी0वी0 कैमरों एवं वैरिएबल साइनेज बोर्ड तथा अन्य अत्याधुनिक तकनीकी उपाय किये गये पाण्टून पुलों की संख्या पिछले कुम्भ की तुलना में 13 से बढाकर 18 कर दी गयी। झूसी में रेलवे ओवर बि्रज व अलोपीबाग में एक फ्लार्इ ओवर का निर्माण कराया गया। कुम्भ मेला के दृषिटगत इलाहाबाद शहर की महत्वपूर्ण सड़कों का चौड़ीकरण एवं जीर्णोद्धार कराया गया। साथ ही अन्य अवस्थापना सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण व नगर का सौन्दर्यीकरण कराया गया। इसके अतिरिक्त 04 स्थायी घाटों का निर्माण कुम्भ मेला क्षेत्र में स्नानार्थियों के लिये कराया गया। प्रदेश सरकार द्वारा उ0प्र0 राज्य सड़क परिवहन निगम की लगभग 6000 बसों की व्यवस्था कुम्भ मेला में की गयी। इसके अलावा कुम्भ मेला के दृषिटगत पर्याप्त संख्या में विशेष रेल गाडि़यों का संचालन कराया गया। स्वच्छता के दृषिटगत लगभग 600 गैर परम्परागत शौचालयों का निर्माण कराया गया तथा संगम क्षेत्र में स्वच्छ जलापूर्ति हेतु गंगा एवं यमुना नदी में गिरने वाले औधोगिक अपशिष्टों के दृषिटगत मेला अवधि तक औधोगिक इकार्इयों को बन्द रखा गया। इलाहाबाद में नवस्थापित 06 एस0टी0पी0 के माध्यम से नालों से निकलने वाले दूषित जल को शोधित किया गया। कुम्भ मेला क्षेत्र में पालीथीन बैग को प्रतिबनिधत किया गया गया। स्नानार्थियों के लिए संगम तट पर गंगा नदी में पर्याप्त जल की आपूर्ति की व्यवस्था की गर्इ। संचार व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए कुम्भ मेला क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीकी व्यवस्था की गयी। कुम्भ मेला में अत्याधुनिक मीडिया सेन्टर की स्थापना भी की गयी।
इस विशाल आयोजन की सफलता का अध्ययन विश्व प्रसिद्ध अमरीकी विश्वविधालय हारवर्ड द्वारा किया गया। इतने बड़े आयोजन के सफल प्रबंधन से हत-प्रद होकर इस विश्वविधालय ने प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव को अपने यहां आमंत्रित किया जहां पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस गौरवमयी सफलता पर एक प्रस्तुतीकरण किया गया और साथ ही इस मेले को लेकर वहां के शोध कर्ताओं की पृछाओं का उत्तर मुख्यमंत्री नेस्वयं देकर उन्हें संतुष्ट किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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