अलीगढ़। लाइलाज बीमारी एडस के प्रति लोगोें को जागरूक करने के बावजूद इसके रोगियों की संख्या कम होने के बजाय लगातार बढ़ती जा रही है। पिछले साल के मुकाबले वर्ष 2009 में एचआर्इवी पीडि़तों की संख्या दोगुने से भी अधिक पहुंच गर्इ।
एचआर्इवी ने इस साल सैकड़ा पार करते हुए 110 लोगों को अपनी गिरफ्त में लिया है। चार एडस पीडि़त इस दुनिया को अलविदा भी कह चुके है। वर्ष 2009 का अंतिम महीना दिसंबर भी एचआर्इवी के मामले में पीछे नहीं रहा। विभाग के आंकड़े इसक दास्तां बयां कर रहे हैं। इस महीने जिला अस्पताल के स्वैचिछक जांच एवं परामर्श केंद्र में हुर्इ जांच में दस महिला एचआर्इवी से पीडि़त मिले। इनमें छह महिला तथा चार पुरूष हैं।
चार पुरूषों में दो ट्रक चालक और एक कारोबारी है। एक का एचआर्इवी संक्रमित ब्लड बढ़ने से सौगात में यह बीमारी मिली है।पूरे साल हुर्इ जांच में 110 लोगों को एचआर्इवी पाजिटिव पाया गया है। इनमें 84 पुरूष तथा 26 महिलाएं शामिल है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े गवाह है कि एडस से चार लोगों को मौत भी हुर्इ है, इनमें एक महिला तथा तीन पुरूष है। सबसे बड़ी बात यह है कि जितने भी पुरूष एचआर्इवी से पीडि़त है,उनमें अधिकतर की संख्या ट्रक चालक या फिर कारोबार के सिलसिले में जनपद से काफी समय तक बाहर रहने वाले लोगों की है। वर्ष 2008 में एचआर्इवी पीडि़तों की संख्या मात्र 47 थी, जिनमें 32 पुरूष तथा 15 महिलाएं शामिल थे। इनमें ही पांच बच्चे भी एचआर्इवी से पीडि़त शामिल है। इसके अलावा तीन लोगाें की एडस के चलते मौत भी हुर्इ थी।
एचआर्इवी पीडि़तों के आंगड़े
वर्ष पीडि़त महिला पुरूष
2003 03 02 01
2004 17 09 08
2005 15 12 03
2006 14 10 04
2007 39 24 15
2008 47 32 15
2009 110 64 26
नोट:- 110 में 84 पुरूष व 26 महिलाएं शामिल
अधिकतर पुरूष ट्रक चालक या बाहर समय गुजारने वाले कारोबारी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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