समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि कांग्रेस और भाजपा की नूराकुश्ती भारतीय राजनीति में बखूबी चल रही है। दोनों ने तय कर रखा है कि वे आए या ये आएं पर तीसरा राजनीतिक विकल्प सामने न आने पाए। तीसरी ताकत केन्द्र में आएगी तो उक्त दोनों कथित राष्ट्रीय दलों का असितत्व खतरे में पड़ जाएगा। राजनीतिक नीतियों में एकरसता वाले दल-कांग्रेस और भाजपा इसीलिए राजनीतिक क्षितिज में भ्रम फैलाने में लगे है और यथासिथति बनाए रखना चाहते है। दोनों दलों की आर्थिक नीतियों में समानता है। तीसरी ताकतें समाजवादी विचारधारा के साथ देश को समृद्व एवं शकितशाली बनाने में लगेगी।
कांग्रेस के उपाध्यक्ष की एक टीवी चैनल के साथ वार्ता से यह बात साफ हो गर्इ है कि कांग्रेस मोदी को निशाने पर लेने से बचना चाहती है। मंशा साफ है कांग्रेस लोकसभा चुनावों में पराजित होती है तो मोदी आएं लेकिन श्री मुलायम सिंह यादव किसी भी तरह नही। कांग्रेस के उपाध्यक्ष और भाजपा के मोदी दोनों कारपोरेट घरानों द्वारा प्रयोजित हैं। उनके पीछे बहुराष्ट्रीय कम्पनियां है क्योंकि उनके हित इन्हीं से सधते है। दोनों दलों की सरकारों ने अपने कार्यकाल में गरीब-गांव, खेत-लघु उधोग की उपेक्षा की है और पूंजीघरानों को तमाम रियायतें दी हैं। बड़ी तेल कम्पनियों के दबाव में महीने में दो-दो बार पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ाएं गए है। घरेलू र्इंधन गैस के दाम तो बढ़े ही है सिलेंडरों की संख्या भी कम कर दी गर्इ है। घरेलू अर्थव्यवस्था इससे चौपट है। देश की सीमाएं भी सुरक्षित नहीं है।
समाजवादी पार्टी किसानों, नौजवानों, मुसलमानों और गरीबों की बात करती है जबकि भाजपा-कांग्रेस का इनसे कोर्इ वास्ता नहीं है। भाजपा और कांग्रेस की सरकारों ने सांप्रदायिकता को ही हवा दी है। दोनों के समय दंगों में बड़ी संख्या में मुसिलम मारे गऐ है। इन दोनों की सरकारों के रहते ही बाबरी मसिजद गिरार्इ गर्इ थी। श्री मुलायम सिंह यादव ने मसिजद केा बचाने में अपनी सरकार भी दांव पर लगा दी थी। कांग्रेस ने सच्चर कमेटी और रंगनाथ मिश्र आयोग बनाया लेकिन उनकी सिफारिशों को केन्द्र सरकार ने लागू नहीं किया। भाजपा तो सांप्रदायिकता की ही पक्षधर है और उसे मुसलमानों से एलर्जी है। सच्चर कमेटी ने मुसिलमों की हालत दलितों से बदतर बतार्इ है। उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने मुसलमानों को राहत दी तो उसे भाजपा तुष्टीकरण बताकर दुष्प्रचार कर रही है।
केन्द्र में कांग्रेस की सरकार है जिसका रवैया विपक्षी राज्य सरकारों के प्रति पूर्णतया उपेक्षा का है। उत्तर प्रदेश के विकास के लिए परियोजनाओं के मद में धन देने में बराबर आनाकानी की जाती है। विशेष पैकेज की मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव भी मांग की अब तक पूरी नहीं की गर्इ है। केन्द्र में जो मंत्री है वे भी उत्तर प्रदेश के विकास के लिए कदम नहीं उठाते है। सच तो यह है कि कांग्रेस विकास चाहती ही नहीं है। खुद श्रीमती सोनिया गांधी और राहुल गांधी के निर्वाचन क्षेत्र सुल्तानपुर, अमेठी और रायबरेली में उन्होने बिजली पानी, सड़क के बारे में कभी भी सोचा तक नहींं। श्री अखिलेश यादव विकास का जो नया एजेण्डा लेकर चल रहे है उससे हताश कांग्रेस और बसपा जैसे दल अनर्गल बयानबाजी कर भाजपा का ही रास्ता साफ कर रहे है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com