उत्तर प्रदेश सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग की क्रीमीलेयर आय सीमा 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 8 लाख रुपये कर दी है। उ0प्र0 राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने पिछड़े वर्ग की क्रीमीलेयर आय सीमा को बढ़ाये जाने की संस्तुति वर्तमान सरकार से की थी।
उ0प्र0 राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री राम आसरे विश्वकर्मा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को पिछड़े वर्ग की क्रीमीलेयर आय सीमा को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 8 लाख रुपये किये जाने पर बधार्इ दी है और कहा कि इससे पिछड़े वर्ग के लाखों लोगों को सरकारी नौकरियों एवं शिक्षा के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी लाभ मिलेगा, जिससे इनके जीवन स्तर में सुधार होगा तथा अधिक से अधिक लोगों को विकास की मुख्यधारा से जुड़ने का अवसर प्राप्त होगा।
प्रदेश के पिछड़े वगोर्ं की क्रीमीलेयर आय सीमा को राज्य सरकार द्वारा हर तीसरे साल में बढ़ाये जाने का प्राविधान है। सर्वप्रथम राज्य के पिछड़े वगोर्ं की क्रीमीलेयर आय सीमा 8 दिसम्बर, 1995 को एक लाख रुपये की गयी थी। इसके बाद वर्ष 2002 को इसे बढ़ाकर तीन लाख रुपये की गयी तथा 2008 में इसे बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया गया।
श्री विश्वकर्मा ने कहा कि देश एवं प्रदेश के पिछड़े वर्ग के लाखों लोगों की मांग को ध्यान में रखकर तथा इनका समुचित विकास करने के लिए वर्तमान में केंद्र सरकार द्वारा पिछड़े वगोर्ं की क्रीमीलेयर आय सीमा को 6 लाख रुपये निर्धारित किया गया है, जिसके कारण उच्च शिक्षण संस्थाओं तथा केंद्र की सरकारी नौकरियों में पिछड़े वर्ग के योग्य अभ्यर्थियों को लाभ नहीं मिल पा रहा है, जबकि प्रदेश की वर्तमान समाजवादी सरकार ने पिछड़े वगोर्ं के हितों को ध्यान में रखते हुए इसे बढ़ाकर 8 लाख रुपये किया है।
आयोग के अध्यक्ष ने प्रदेश के पिछड़े वर्गों के हितों को ध्यान में रखते हुए लोक कल्याणकारी कार्य करने के लिए वर्तमान सरकर को धन्यवाद दिया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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