समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि केन्द्रीय इस्पात मंत्री लगता है मानसिक सनिनपात के मरीज हो गए हैं। उचित-अनुचित, सही-गलत इसका ज्ञान भी उन्हें नहीं रह गया है। वे कभी श्री मुलायम सिंह यादव को अपना गहरा दोस्त बताते है और फिर उनके खिलाफ अनर्गल बयानबाजी करने लगते है। दोस्ती में दगा यानी जिस थाली में खाएं उसी में छेद करने का उनका यह चरित्र काबिले तारीफ है। कांग्रेस को अपना यह नया ÞवफादारÞ मुबारक हो क्योंकि उन्हें भी जल्द इसकी शातिराना राजनीति का स्वाद मिल जाएगा।
कांग्रेस में नए दाखिल मंत्री जी को दरअसल अपनी स्वाभिभकित का हर रोज नया इम्तहान देना पड़ता है। कांग्रेस के पुराने और वरिष्ठ नेता उन्हें भाव नहीं देते है। समाजवादी पार्टी की खिलाफत करके वे असली कांग्रेसी बनने का ढोंग फैला रहे हैं। जिस दल में रहके उक्त मंत्री की हैसियत बनी और जिस नेता ने उन्हें सम्मान देकर सम्माननीय बनाया उस पर लांछन लगाना जाहिर करता हैं कि ये किसी के सगे नहीं, बचा न कोर्इ जिसे उन्होने ठगा नहीं। जब लम्बे सियासी सफर के साथी के वे नहीं रहे और उसके लिए माफी मांग रहे हैं तो कोर्इ भी समझदार आदमी यह जरूर सोचेगा कि इनकी नर्इ वफादारी का क्या हश्र होगा।
केन्द्रीय मंत्री ने लगता है कि अपनी याददाश्त भी खो दी है वर्ना वे श्री मुलायम ंिसह यादव और मोदी के बीच मैच फिक्स जैसी उलटबांसी नहीं बोलते। हर कोर्इ जानता है कि समाजवादी पार्टी और श्री मुलायम सिंह यादव सांप्रदायिकता के खिलाफ लगातार संघर्शशील रहे हैं। इसके फलस्वरूप ही केन्द्र में सत्ता हथियाने में एनडीए-भाजपा को विफलता मिली। इस्पात मंत्री शुक्र मनाएं कि श्री मुलायम सिंह यादव की वजह से ही केन्द्र में यूपीए सरकार बनी और उन्हें दलबदल और दंगाबाजी के फलस्वरूप मंत्री पद मिला। समाजवादी पार्टी के लम्बे सियासी सफर के दौरान जब भाजपा संघ ने बाबरी मसिजद तोड़ी तब उनका जमीर कहां सोया था। तब तो श्री मुलायम सिंह यादव ने ही उसे बचाने के लिए साहसिक कदम उठाया था।
जहां तक ब्राहमण-मुसिलम कार्ड चलाने का सवाल है केन्द्रीय मंत्री जी फिर से अपना ज्ञान ताजा कर लें कि समाजवादी पार्टी जाति धर्म की राजनीति नहीं करती है। वह समाज के सभी वर्गो का हित करने की राजनीति करती हैं। पिछड़ो, मुसिलमो और वंचितो को वह विशेष अवसर के डा0 लोहिया के सिद्धांत का अनुपालन करते हुए आगे बढ़ाने का काम करती है। नौजवानों और महिलाओं को सत्ता व संगठन में भागीदारी देती है। किसानों और गांवो के हित में समाजवादी पार्टी की सरकार ने जितने निर्णय लिए है, उनका मुकाबला कोर्इ दूसरे सूबे की सरकार भी नहीं कर पा रही है।
पता नहीं वे कहां से ढूंढकर श्री मुलायम सिंह यादव के खिलाफ झूठे आरोप ला रहे है। केन्द्र में यूपीए सरकार से पहले भाजपा एनडीए की सरकार थी तब भी बतौर रक्षामंत्री श्री यादव के निर्णयों पर कोर्इ उंगली नहीं उठा पाया था। यूपीए सरकार में सीबीआर्इ जांच का शिगूफा छेड़कर वे अपनी ही तुच्छ मानसिकता का प्रदर्शन कर रहे है। श्री मुलायम सिंह यादव की जनोन्मुख राजनीति है। श्री मुलायम सिंह यादव का राजनीतिक जीवन एक खुली किताब है। केन्द्रीय इस्पात मंत्री बेतुके बोल बोलकर अपने आपको ही हास्यास्पद बना रहे है। जनता उन्हें गम्भीरता से नहीं लेती है। उनके बेबुनियाद बयानों का संज्ञान तो उनकी कांग्रेस पार्टी भी नहीं लेती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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