समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनावों में अपना प्रभावशाली हस्तक्षेप करने के लिए तैयार है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव ने लोकसभा के पार्टी प्रत्याशियों से मिलकर चुनावी तैयारियाें की विस्तृत समीक्षा की है। श्री अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्व में प्रदेश सरकार विकास कार्यो को पूरा करने में लगी है। इस समाजवादी सरकार के कर्इ ऐसे महत्वपूर्ण निर्णय हैं जिनका अनुगमन दूसरे सूबों की सरकारें भी करने को बाध्य हैं।
समाजवादी पार्टी के पक्ष में जनमत जगाने केे लिए आजमगढ़, बरेली, मैनपुरी, बदायू और झासी में महारैलियां आयोजित हो चुकी है जिनमें समाज के सभी वर्गो की भारी भागीदारी रही है। विपक्ष की रैलियों में आम लोग, गरीब, किसान, मुसलमान, नौजवान अनुपसिथत रहे। समाजवादी पार्टी 22 जनवरी 2014 को छोटे लोहिया श्री जनेश्वर मिश्र की पुण्यतिथि पर विशेष श्रद्धांजलि सभा कर रही है। 23 जनवरी,2014 को वाराणसी में समाजवादी पार्टी की महारैली होगी जबकि 24 फरवरी,2014 को समाजवादी पार्टी विधान मण्डल दल की बैठक है। इस दिन बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री श्री कपर्ूरी ठाकुर की भी जयंती मनार्इ जाएगी। 3 फरवरी,2014 को गोण्डा में समाजवादी पार्टी की महारैली होगी। इन कार्यक्रमों में नेताजी एवं मुख्यमंत्री जी का सम्बोधन होगा।
वस्तुत: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी एक साथ कांग्रेस के यथासिथतिवाद, भाजपा की सांप्रदायिकता और बसपा की जन विरोधी राजनीति के खिलाफ संघर्ष कर रही हैं। बसपा के पांच साल आपातकाल के दिनों से भी बदतर गुजरे हैं। उन दहशत भरे दिनों की याद कर आज भी लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते है। कांग्रेस राज में मंहगार्इ और भ्रष्टाचार को ही बढ़ावा मिला है जबकि भाजपा की सांप्रदायिक राजनीति गुजरात में नरसंहार का कारण बनी है। इन तीनों दलों ने सत्ता में रहने पर जनहित के कोर्इ काम नहीं किए।
समाजवादी पार्टी की सरकार बनते ही लोकतंत्र की बहाली के साथ विकास के रास्ते पर तेजी से कदम उठाए जा रहे हंै। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के प्रति जनता के बढ़ते विश्वास से विपक्षी दल हताशा के शिकार होकर लोकतांत्रिक मर्यादाओं को भी भूल बैठे है। वे समाजवादी पार्टी सरकार के प्रति बेसिर पैर की बातें करने लगे है। समाजवादी पार्टी सरकार विपक्ष की इन चुनौतियों का सामना करने के लिए सन्नद्ध है।
सच तो यह है कि अब भाजपा के एनडीए और कांग्रेस के यूपीए गठबंधन को भरोसा हो चला है कि आगामी लोकसभा चुनावो के बाद वे दिल्ली की गददी पर नहीं बैठ पाएगें। भविष्य तीसरे विकल्प का होगा। कांग्रेस के घोटालों से जनता त्रस्त है और मुसलमानों के कत्ले आम का काला अध्याय लिखनेवाले को देश की जनता कभी स्वीकार नहीं करेगी। सच्चार्इ तो यह है कि किसान, मुसलमान गरीब और पिछड़ों का प्रतिनिधित्व समाजवादी पार्टी ही करती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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