गेंहूं में खरपतवार नियंत्रण करें, गेरूर्इ धब्बा रोग से बचायें -फसल सतर्कता समूह
रबी की फसल में पाले से बचाव हेतु चना, मसूर, अरहर, मटर, आलू व टमाटर में दो प्रतिशत पोटाश का छिड़काव करें। वर्तमान मौसम बादलों युक्त है। अत: आलू में पछेती झुलसा रोग का प्रकोप हो सकता है। इससे फसल को बचाने के लिये 1.5-2.5 किग्रा. प्रति हे. की दर से मेटोलेकिसल युक्त रसायन का छिड़काव करें। आम के बौर को खर्रा रोग से बचाने हेतु घुलनशील गंधक (2 ग्राम प्रति ली.) या कैराथेन (1 मिली. प्रति ली.) का छिड़काव करें।
उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा किसान मण्डी भवन में आयोजित फसल सतर्कता समूह में कृषि वैज्ञानिकों अठारहवीं बैठक में प्रदेश के किसानों को दी गर्इ सलाह के अनुसार गेंहूँ की बुआर्इ के 20-30 दिन के मध्य पहली सिंचार्इ के आसपास पौधों में जिंक की कमी के लक्षण प्रकट होते हैं। लक्षण दिखार्इ देने पर 5 किग्रा. जिंक सल्फेट तथा 16 किग्रा. यूरिया को 800 लीटर पानी में घोलकर प्रति हे. की दर से छिड़कें। यूरिया के स्थान पर 2.5 किग्रा. बुझे हुये चूने के पानी (2.5 किग्रा. बुझे चूने को 10 लीटर पानी में सायंकाल भिगोकर दूसरे दिन पानी निथार कर पानी) का प्रयोग करें। आर्द्रता अधिक होने के कारण गेरूर्इ तथा पत्ती धब्बा रोग की सम्भावना है। अत: लक्षण दिखार्इ देने पर नियन्त्रण हेतु थायोफिनेट मिथाइल 70 प्रतिशत डब्लू.पी. की 700 ग्रा. अथवा जिरम 80 प्रतिशत डब्लू.पी. की 2.00 किग्रा. अथवा मैंकोजेब 75 डब्लू.पी. की 2.0 किग्रा. प्रति हे. लगभग 750 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करना चाहिये। यदि खरपतवार नियन्त्रण हेतु निकार्इ नहीं की गर्इ है तो चौड़ी व संकरी पत्ती दोनों प्रकार के खरपतवारों के नियन्त्रण हेतु सल्फो-सल्फयूरान 75 प्रतिशत डब्लू.पी. की 33 ग्रा. (2.5 यूनिट) प्रति हे. बुवार्इ के 20-25 दिन के बाद 500-600 ली. पानी में घोल बनाकर फलैट फैन नाजिल से छिड़काव करें।
कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि प्रदेश में रबी मौसम के अन्तर्गत विभिन्न फसलों की कुल आच्छादन की प्रगति दिनांक 07.01.2014 तक लक्ष्य का 101.56 प्रतिशत हो चुका है अर्थात 125.7 लाख हे. के सापेक्ष 127.7 लाख हे. क्षेत्र में बुवार्इ की जा चुकी है। मुख्य फसल गेहंू का आच्छादन लक्ष्य का 102.06 प्रतिशत हुआ अर्थात 97.39 लाख हे. क्षेत्र के सापेक्ष 99.40 लाख हे. में बुवार्इ हुर्इ। अब तक जौ की प्रतिपूर्ति 101.55 प्रतिशत हो चुकी है अर्थात 1.70 लाख हे. के सापेक्ष 1.72 लाख हे. क्षेत्रफल में बुवार्इ हो चुकी हैै। चने की प्रतिपूर्ति 100.56 प्रतिशत, मटर की प्रतिपूर्ति 103.94 प्रतिशत, मसूर की प्रतिपूर्ति 101.68 प्रतिशत, रार्इसरसों की प्रतिपूर्ति 102.14 प्रतिशत एवं अलसी की प्रतिपूर्ति 100.69 प्रतिशत हो चुकी है वहीं रबी मक्का में मात्र 86.07 प्रतिशत हो पार्इ है। प्रदेश के कानपुर मण्डल को छोड़कर शेष 18 मण्डलों में लक्ष्य के सापेक्ष गेहूं की पूर्ति अधिक हुर्इ है, कानपुर मण्डल में गेहूं की प्रतिपूर्ति 97.9 प्रतिशत हुर्इ है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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