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व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना के तहत 5 लाख रू0 धनराशि मृतकों के आश्रित को मिलेगी

Posted on 15 January 2014 by admin

उ0प्र0 सरकार द्वारा वाणिज्य कर विभाग उ0प्र0 में पंजीकृत व्यापारियों के हित में जोखिम जीवन व्यकितगत बीमा योजना संचालित है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था में अग्रणी भूमिका निभाने वाले व्यापारी बंधुओं के लिए शासन ने व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना लागू की है। उ0प्र0 वाणिज्य कर विभाग में पंजीकृत व्यापारी की हत्या अथवा दुर्घटना में मृत्यु की दशा में 5 लाख रूपया की धनराशि मृतक व्यापारी के आश्रितों को प्रदत्त की जायेगी। बीमा योजना की अवधि 31 मार्च, 2013 से 30 मार्च, 2014 तक निर्धारित की गयी है। व्यापारी बंधुओं से अपेक्षा की गयी है कि वाणिज्यकर विभाग में पंजीयन कराकर ‘टिन के रूप में एक विशिष्ट पहचान टैक्स इंश्योरेंस द्वारा क्रेता से कर वसूलने का अधिकार एवं व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना का लाभ उठायें। इसमें मृतक पंजीकृत व्यापारी की विधिक विवाहित पत्नी अथवा महिला पंजीकृत महिला व्यापारी का पति लाभार्थी होगा। यदि दो या दो से अधिक विधिक पतिनयां जीवित हैं तो बीमित राशि बराबर-बराबर बाँट दी जायेगी। उस दशा में जहाँ उक्त पति अथवा पत्नी जीवित न हो तो बीमा कम्पनी बीमित धनराशि का भुगतान उस नामिनी को करेगी जिसका नामिनेशन पंजीकृत व्यापारी द्वारा मृत्यु से पहले कर दिया गया हो या नामिनेशन न होने की दशा में सक्षम न्यायालय द्वारा जारी उत्तराधिकार प्रमाण-पत्र एवं सम्बंधित संयुक्त आयुक्त (कार्यालयकारपो0) वाणिज्यकर की संस्तुति के आधार पर की जायेगी। साझीदार फर्म के मामलों में भी निर्धारित विधिक प्रकि्रया के अनुसार बीमा राशि का भुगतान किया जायेगा।
उ0प्र0 वाणिज्यकर विभाग द्वारा व्यापारियों के हित में व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना तथा व्यापारियों को इसका लाभ दिलाने की प्रकि्रया एवं पंजीकरण के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार किये जाने के निर्देश दिए गये हैं।
व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना के दावे के भुगतान हेतु दावा खण्डाधिकारीसंयुक्त कमिश्नर वाणिज्यकर के कार्यालय में उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त दावा प्रपत्र वाणिज्यकर की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। दावा प्रपत्रों के साथ पंजीकृत व्यापारी की मृत्य     सम्बन्धी प्रमाण-पत्र प्रथम सूचना रिपोटर्, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, पंचनामा रिपोर्ट, किसी जहर द्वारा व्यापारी की मृत्यु की दशा में फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट, पंजीयन प्रमाण-पत्र, वैट व्यवस्था के अन्तर्गत, लागू नवीन फार्म-11 की सत्यापित प्रति, प्रथम गवाह का बयान, नामिनी का फोटोग्राफ एवं हस्ताक्षर जो खण्डाधिकारीसंयुक्त आयुक्त वाणिज्यकर द्वारा प्रमाणित किये गये, दावे के समर्थन हेतु अन्य अभिलेख यदि उपलब्ध हों प्रस्तुत करना होगा। अधिक जानकारी हेतु वाणिज्यकर आयुक्त कार्यालय, लखनऊ से व्यापारी बंधु सम्पर्क कर सकते हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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