समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में विपक्ष पूर्णतया नकारात्मक विरोध की भूमिका में उतर आया है। लोकतंत्र की परंपराओं और आदर्शो में उसका विश्वास नहीं रहा है। श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में बनी समाजवादी पार्टी की सरकार की हर गतिविधि पर प्रश्नचिन्ह लगाने में उसे तनिक भी संकोच नहीं होता है जबकि पांच साल के चुनावी वायदों में अधिकांश को दो साल के अंदर ही अमली जामा पहनाने का ऐतिहासिक काम हुआ है। जनहित की तमाम योजनाओं को प्रारम्भ कर उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने की दिषा में इस पहल का अनुसरण दूसरे सूबों में भी हो रहा है।
सैफर्इ महोत्सव और संसदीय अध्ययन दल की विदेश यात्रा को लेकर लगातार अनर्गल बयान दिए जा रहे हैं। विपक्ष इस मामले में दोहरे मानदण्ड अपना रहा है। प्रदेश से विधायको के प्रतिनिधि मण्डल दूसरे देशों में पहले भी जाते रहे हैं। इससे परस्पर मैत्री संबंधों में प्रगाढ़ता आती है और एक दूसरे देश की संसदीय कार्यप्रणाली की भी जानकारी होती है। कामनवेल्थ देशों के बीच ऐसा आदान प्रदान सहज रूप से होता आया है। समाजवादी पार्टी सरकार ने अपने आप में कोर्इ अनोखा कदम नहीं उठाया है। इस प्रतिनिधि मण्डल में भाजपा और रालोद के भी विधायक गए हैं। इन दलो के विरोध का इसलिए कोर्इ औचित्य नहीं है।
सैफर्इ महोत्सव के सम्बन्ध में विरोधी दल रस्सी को सांप बताकर जनता को बरगलाने का काम कर रहे है। इस महोत्सव के माध्यम से लोककलाओं का संवर्धन और स्थानीय प्रतिभाओं का संरक्षण होता आया है। युवा शकित को सामने लाने में यह महोत्सव सहायक सिद्ध होता हैं। सैफर्इ महोत्सव में मुख्यमंत्री जी ने विख्यात 6 खिलाडि़यों सर्वश्री सुशील कुमार, विजय कुमार, गगन नारंग, मैरी काम, साइना नेहवाल और योगेश्वर दत्त को सम्मानित किया। इनमें से ओलंपिक के रजत पदक विजेताओं सुशील एवं विजय को 50-50 लाख रू0 और शेष चार कांस्य पदक विजेताओं को 25-25 लाख रू0 दिए गए। महोत्सव में कुश्ती, नौटंकी, सांस्कृतिक प्रतिस्पद्र्धाओं के साथ साइकिल रेस, बालीबाल एवं बैडमिंटन टूर्नामेंट और लोकगीत सहित कव्वाली तथा अ0भा0 कवि सम्मेलन के भी आयोजन हुए। इतने सारे कार्यक्रमों की उपेक्षा कर केवल अंतिम दिन की फिल्मी सितारों की प्रस्तुति को ही एकमात्र लक्ष्य बनाकर पूरे महोत्सव पर प्रश्नचिन्ह लगा देना पूर्वाग्रह से प्रेरित आलोचना हैं।
सैफर्इ महोत्सव और विधायकों की अध्ययन यात्रा को मुजफफरपुर से जोड़ने का भी कोर्इ तुक नहीं है। मुजफफरपुर में समाजवादी पार्टी सरकार ने पीडि़तों के बीच 90 करोड़ रूपए बांटे हैं। ठंड से बचाव के लिए कंबल वितरण के लिए जिलाधिकारियों को पर्याप्त धनराशि दी गर्इ है। स्थानीय स्तर पर अलाव और रैन बसेरा की व्यवस्था की गर्इ है। शामली और मुजफफरपुर के कैंपो में रहनेवालों को पक्के भवनों में रूकने का प्रबंध किया गया है। जनकल्याण के इन तमाम कदमों की उपेक्षा कर विपक्ष छोटे-मोटे अप्रासंगिक मुददे उठाकर अपने को ही उपहास का पात्र बना रहा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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