भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि आलोचनाओं से इतनी ही घबराहट है तो काम ही ऐसा क्यों करते है? पार्टी प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा सूबा समस्याओं से कराह रहा है। सरकार मौज मस्ती में मस्त है, उसकी मौजमस्ती कैमरे में कैद न हो इसलिए अब रोक और पबंदी पर उतर आयी है सरकार। उन्होने कहा कि जिन दृश्यों का जनता में जाने से सरकार के छिछालेदर होने का अहसास है, जिसके कारण सैफर्इ महोत्सव में कैमरों पर रोक लगार्इ गर्इ, वह काम हो ही क्यों रहा है।
बुधवार को पार्टी मुख्यालय पर चर्चा के दौरान प्रदेष प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा जनसमस्याओं के प्रति सरकार की लापरवाही का आलम यह है कि लोग ठण्ड से बेहाल है, सरकारी दावे के विपरीत तहसीलों के 5 लाख रूपये से कम्बल वितरण का कार्यक्रम दिखावा बन कर रह गया है। नगरों में कर्इ स्थानों पर बनाये गए रैनबसेरे टूटे पड़े है। जौनपुर में तो समाचार यहां तक कि लोग बाहर ठण्ड में ढि़ढुरते रहे। रैनबसेरे में ताला बंद, कम्बल वितरण के कार्यक्रम के दौरान वाराणसी में हाथापार्इ पर उतारू मंत्री को सबने कैमरे पर देखा। जनसमस्याओं से मुंह चुराते अखिलेश सरकार के मंत्री सवालों पर उत्तेजित हो रहे, इस उत्तेजना में कभी जनता पर कभी विपक्षी दलों पर तो कभी मीडिया पर बरस रहे है।
उन्होने कहा कि मंत्री मौज मस्ती में मस्त है यह बात केवल विपक्ष ही नही खुद सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव कह चुके है। वे खुद ही अखिलेष सरकार पर मंत्री के मौज मस्ती करने की बात भी करते है, पर सैफर्इ में हो रही मौज मस्ती और उस मौज मस्ती के अन्र्तगत वहां चली कुर्सिया शायद उन्हे दिखार्इ नही देती।
श्री पाठक ने कहा कि जनसमस्याओं की अनदेखी अखिलेष सरकार पर भारी पड़ने वाली है। मीडिया के कैमरों, मीडिया कर्मियों पर चाहे जितना प्रतिबंध लगा दिये जाये। सरकार की कारस्तानी जनता तक पहुंच रही है। यहीं कारण है कि पूर्ण बहुमत से चुनी अखिलेष सरकार जनता में लगातार अलोकप्रिय हो रही है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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