राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पूर्व सर संघ चालक श्री के.सी. सुदर्शन द्वारा आधुनिक भारत के निर्माता एवं लोकतान्त्रिक मूल्यों के प्रहरी पं0 जवाहर लाल नेहरू के बारे में की गई टिप्पणी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की संकुचित सोच एवं फासिस्ट विचारधारा को ही रेखांकित करती है।
पं0 नेहरू पर पूर्व सर संघ चालक द्वारा की गई टिप्पणी की कड़ी निन्दा करते हुए उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता सुबोध श्रीवास्तव ने आज यहां जारी बयान में कहा कि यह पं0 नेहरू की दूर दृष्टि ही थी जिसने आजादी के तुरन्त बाद आधारभूत उद्योगों का जाल पूरे देश में स्थापित किया, जिससे भारत का औद्योगिक विकास तेजी से हो सका। जमीन्दारी उन्मूलन का कानून बनाकर पं. नेहरू की सरकार ने करोड़ों किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की तरफ कदम बढ़ाया था। जहां तक लोकतान्त्रिक मूल्यों की बात है पं0 जवाहर लाल नेहरू जनतान्त्रिक मूल्यों के इतने बड़े हामी थे कि उन्होने तत्कालीन सर संघ चालक गुरू गोलवलकर द्वारा किये गये मिलने के अनुरोध को केवल इसलिए ठुकरा दिया था कि एक लोकतान्त्रिक मूल्यों में विश्वास रखने वाले व्यक्ति का एक फासिस्टवादी संगठन के मुखिया से मिलने का कोई आधार ही नहीं है।
श्री श्रीवास्तव ने कहा कि गौरतलब यह भी है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का राजनैतिक संगठन भारतीय जनता पार्टी का भी शिवसेना जैसे फासिस्टी संगठन के साथ गठबंधन है और मुम्बई में जिस तरह का तानाशाहीपूर्ण आचरण बाल ठाकरे, फिल्म अभिनेता शाहरूख खान को लेकर कर रह हैं, उसकी आलोचना करने के बजाय भारतीय जनता पार्टी मूकदर्शक बनकर मौन समर्थन ही कर रही है।
मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि आर.एस.एस. एवं भाजपा हमेशा से ही लोगों को धर्म के आधार पर बांटने की कोशिश करते रहे हैं लेकिन भारत की आम जनता अभी भी पण्डित नेहरू की धर्म निरपेक्ष विचारधारा एवं आपसी भाईचारे पर यकीन करती है। समय ने यह साबित किया है कि विभाजनकारी नीतियों को ठुकराकर “अनेकता में एकता´´ की नीति के कारण ही भारत मजबूत हुआ है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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