भारतीय जनता पार्टी ने सपा सरकार को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि मिल मालिकों के सर्मथन में खड़ी अखिलेश सरकार किसानों के उत्पीड़न पर उतारू है। प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि गन्ना मूल्य के पिछले वर्ष के लगभग दो हजार आठ करोड़ बकाये का दंश झेल रहे गन्ना किसानों से 2472 करोड़ का गन्ना खरीदा गया किन्तु किसानों को खरीदे गये गन्ने के बदले भुगतान में केवल 12 करोड़ रूपये ही दिये गये। जबकि अखिलेश सरकार ने यह दावा किया था कि किसानों को दो किस्तों में भुगतान की सहुलियत के साथ ही 260 रूपये प्रति किवंटल का भुगतान तुरंत किया जायेगा।
पार्टी मुख्यालय पर चर्चा के दौरान प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि अखिलेश सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण परेशान किसान आत्महत्या कर रहे है। पूरे प्रदेश में लगातार घटतौली के कारण कानून व्यवस्था तक का संकट उत्पन्न हो जा रहा है। पिछले दिनों तो मुजफ्फरनगर के एक चीनी मिल पर तो विवाद में एक किसान को अपनी जान भी गवानी पड़ी। घटतौली की घटनाओं के कारण जगह-जगह विवाद उत्पन् हो रहे है। मेरठ मे तो किसानों ने आन्दोलन तक कर रखा हैं किन्तु सरकारी संरक्षण के कारण गन्ना मिल मालिक और उनके कारिन्दे लगातार किसानों के साथ बदसलूकी पर उतारू है।
उन्होने कहा कि एक तो पेरार्इ सत्र देर से शुरू होने के कारण वैसे ही किसान परेशान है, अब जब मिले चली तो गन्ना पर्चियों में धांधलेबाजी हो रही है। जिन किसानो को गेहूँ की बुआर्इ करनी थी उन्हे खेत खाली करने की जल्दी है। उसी का लाभ उठा गन्ना पर्चियों में भी धांधलेबाजी हो रही है चूंकि किसान जल्दी-जल्दी अपना गन्ना मिल को बेचना चाहता इसका लाभ उठा मिलोंं पर घटतौली माफिया सक्रिय है।
श्री पाठक ने कहा कि अखिलेश सरकार यह सुनिशिचत करें कि किसानों के गन्ना मूल्य का भुगतान हो। जिस तरह के आकड़े है कि 2472 करोड़ के गन्ना खरीद पर केवल 12 करोड़ रूपये का भुगतान गन्ना किसानों को किया गया चिन्ताजनक है। उन्होने कहा जब सहकारी चीनी मिले 244.74 करोड़ का गन्ना खरीद 162 करोड़ यानी 60प्रतिशत से अधिक भुगतान कर सकती है तो फिर ये निजी चीनी मिले ऐसा क्या कर रही है। उन्होने मांग करते हुए कहा कि पिछला भुगतान लोगों को मिले और नया बाकी न रह जाये इसकी मुक्कमल व्यवस्था हो। घटतौली रोकरने के युद्ध स्तर पर प्रयास हो।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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