सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग, उत्तर प्रदेश के तत्वावधान में 27 से 29 दिसम्बर 2013 के माध्यम से लोक कला माध्यमों की कार्यशाला आयोजित की गर्इ। उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन का प्रचार-प्रसार लोक कलाओं के माध्यम से किये जाने के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुय सांस्कृतिक दलों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव व्यावसायिक शिक्षा श्री आलोक कुमार ने लोक कलाओं के माध्यम से इस योजना को जन-जन तक पहुंचाने के महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने सांस्कृतिक दलों से इस योजना से जुड़ने का आहवाहन करते हुये कहा कि बेरोजगारों को रोजगार लायक बनाने के लिए प्रशिक्षण प्रदान कर इस योजना के माध्यम से स्वावलम्बी बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस योजना में 14 से 35 वर्ष आयु के युवावर्ग को 34 सेन्टर्स में 283 ट्रेडों में प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा।
श्री विकास गोठलवाल मिशन निदेशक ने उ0प्र0 कौशल विकास मिशन के विषय में विस्तृत रूप से जानकारी दी तथा बेरोजगारों के नि:शुल्क प्रशिक्षण और रोजगार पाने की सुविधाओं के विषय में बताया।
तीन दिन की कार्यशाला में प्रदेश के 323 विभिन्न विधाओं के पंजीकृत दलों यथा नौटंकी, जादू, कठपुतली, नाटक, आल्हा, कव्वली, भजन और लोकगीत, सांस्कृतिक दलों ने कला के विभिन्न विशेषज्ञों के सानिध्य में दल नेताओं ने अलग-अलग विधाओं में अपनी-अपनी प्रस्तुतियां तैयार की। विशेषज्ञों में आतमजीत सिंह, प्रो0 उषा बनर्जी, ललित सिंह पोखरिया, रशिम बरथवाल, प्रो0 कौशलेन्द्र पाण्डेय, कुमार अनुपम, जितेन्द्र मित्तल, प्रभाकर भटट प्रमुख थे।
समापन संध्या पर प्रमुख सचिव तथा मिशन निदेशक ने तीन दिन की इस कार्यशाला में अथक परिश्रम से तैयार सभी विधाओं की प्रस्तुतियों का अवलोकन किया। उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के प्रचार-प्रसार के लिए कलाकारों को उत्साहित करते हुए अपेक्षा की कि कलाकाराें के प्रयास से प्रदेश सरकार कर यह महत्वपूर्ण मिशन कामयाब होगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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