उत्तर प्रदेश सिविल सेवा कार्यकारी शाखा की कार्यकारिणी एवं सदस्यों की आपात बैठक संघ के डालीबाग सिथत कार्यालय में सम्पन्न हुर्इ, जिसमें सर्वप्रथम पी0सी0एस0 से आर्इ0ए0एस0 में प्रोन्नति के लिए भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा परीक्षा अनिवार्य किए जाने का विरोध किया गया। इसे दृषिटगत रखते हुए संघ द्वारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव से इस प्रकरण में हस्तक्षेप किए जाने का अनुरोध किया गया है।
बैठक में यह बात पुरजोर तरीके से उठार्इ गर्इ कि वर्तमान समय में लगभग 25 साल की सेवा अवधि के पी0सी0एस0 अधिकारी अभी तक आर्इ0ए0एस0 में प्रोन्नति नहीं पा सके हैं। संघ के अनुसार पी0सी0एस0 अधिकारियों का चयन लोक सेवा आयोग, जो कि एक संवैधानिक संस्था है, के माध्यम से विभिन्न स्तरीय परीक्षाओं के माध्यम से किया जाता है। नयी परीक्षा व्यवस्था से लोक सेवा आयोग, उ0प्र0 की परीक्षा प्रणाली, चयन प्रक्रिया आदि पर भी प्रश्न चिन्ह लगेगा। आयोग द्वारा चयनित लोक सेवकों की प्रोन्नति के लिए पुन: परीक्षा लिया जाना न तो विधिक रूप से औचित्यपूर्ण है और न ही कार्मिक हितों के अनुकूल है। इसके साथ ही, नयी परीक्षा व्यवस्था लागू किए जाने से शासन द्वारा सौंपे गए विभिन्न दायित्वों एवं कार्यों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि परीक्षा की तैयारी के लिए जहां अधिकारी अवकाश पर जाना चाहेंगे, वहीं कार्यालय में भी मनोयोग से कार्य नहीं कर सकेंगे।
इस बैठक में संघ द्वारा अपना वार्षिक अधिवेशन शीघ्र कराने एवं अधिवेशन में मुख्यमंत्री से समय प्राप्त करने हेतु अनुरोध किए जाने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही, वेतनमान 37400-8700-67000 रुपये (पुराना वेतनमान 14300-400-18300 रुपये) एवं 37400-8900-67000 रुपये (16000-450-20000 रुपये), जिसमें वर्तमान में काफी पद रिक्त हैं, इन पर अतिशीघ्र प्रोन्नति किए जाने के लिए सक्षम स्तर पर कार्यवाही हेतु अनुरोध किया गया है।
बैठक में संघ के अध्यक्ष श्री चक्रपाणि, महासचिव श्री आर0के0 पाण्डेय एवं बड़ी संख्या में पदाधिकारी व सदस्य उपसिथत थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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