खेलों से शरीर के स्वस्थ रहने के साथ-साथ व्यकित मानसिक रुप से भी चैतन्य रहता है। खेलों के माध्यम से व्यकित ख्याति प्राप्त कर अपना तथा अपने देश-प्रदेश का नाम रोशन करता है। इसलिये सभी खिलाडि़यों को स्वस्थ मन से खेल भावना के साथ अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन करना चाहिए।
सांसद एवं पूर्व रक्षा मंत्री श्री मुलायम सिंह यादव ने ये विचार सैफर्इ महोत्सव में दंगल के समापन समारोह के अवसर पर व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि कुश्ती भारतीय खेल है, इसे सम्मान मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि अन्य देशों के खेलों को खेलने के साथ-साथ अपने देश के खेलों को राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाएं। उन्होंने कहा कि भारतीय खेलों में कुश्ती, कबडडी एवं पहलवानी मुख्य रुप से आती है, इसे बढ़ावा मिलना चाहिए। अभी हाल में हुए ओलमिपक खेलों में देश के
श्री सुशील कुमार व श्री योगेश्वर दत्त ने कुश्ती में उच्चकोटि का प्रदर्शन कर देश का नाम रोशन किया है। हमारी आज के सभी नौजवानों यही अपेक्षा है कि वे भारतीय खेलों को अन्तर्राष्ट्रीय पहचान दिलाएं, जिससे प्रदेश और देश का नाम रोशन हो सके।
दंगल में हरियाणा, दिल्ली एवं उत्तराखण्ड से आयी महिला पहलवानों ने भी अपने-अपने दांव पेंच के प्रदर्शन किए। कु0 सोनिया (दिल्ली) ने कु0 शालू (हरियाणा) को, आकांक्षा (दिल्ली) ने सुमन (हरियाणा) को हराया। इसी प्रकार कु0 दिव्या सेन ने अलीगढ़ के नदीम को अपने दांव पेंच से चित्त कर विजय प्राप्त की। जिला जीत की कुश्ती का मुकाबला सोनू व डिम्पल सिंह के मध्य हुआ, जिसमें डिम्पल सिंह जिला जीत घोषित हुर्इ। इसी प्रकार से जिला जीत विधार्थी की कुश्ती बैजनाथ व नितिन के मध्य हुर्इ, जिसमें बैजनाथ विजयी रहे। दंगल में कुश्ती लड़ने वाले सभी पहलवानों को पुरस्Ñत किया गया।
इस अवसर पर मंत्रिगण, सांसद एवं अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी, बड़ी संख्या में दूर-दराज से आए पहलवान व अपार जनसमूह उपसिथत था।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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