भारतीय जनता पार्टी ने कहा सपार्इ गुण्डों पर चेतावनी के बजाए कार्यवाही हो। प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा अखिलेश सरकार के गठन से ही कार्यकर्ताओं को नसीहतों का पाठ पढ़ा रहे मुलायम सिंह यादव की कथनी और करनी में विभेद के कारण इन चेतावनीयों का असर नही पड़ रहा है। यह कब तक कह कर काम चलाया जायेगा की गुण्डर्इ करने वाले पार्टी से बाहर होंगे। श्री पाठक ने सपा प्रमुख के बयानों पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि राहत कैम्पों में जिन साजिशों की बात सपा प्रमुख करते है, उन साजिशों के बारे में मुख्यमंत्री को क्यो पता नही? आखिर राज्य का मुख्यमंत्री कौन है, सपा प्रमुख या अखिलेश यादव?
पार्टी के राज्य मुख्यालय पर मंगलवार को संवाददाताओं से चर्चा में प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा यह समझ से परे है कि लगातार दावों के विपरीत सपार्इ अपनी ही सरकार की कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बनते है, उन पर कार्यवाही नही होती। जन सुनवार्इ का यह आलम है कि पार्टी के विधायकों को सार्वजनिक रूप से यह कहना पड़ा कि राजधानी लखनऊ की पुलिस संगठित रूप से 50 लाख रूपये की वसूली प्रतिमाह करती है। इतनी बड़ी वसूली बगैर सत्ता के संरक्षण के कैसे संभव है?
उन्होने कहा सत्ता गठन के मंच से शुरू हुर्इ सपार्इयों की गुण्डागर्दी बदस्तूर जारी है। सपार्इ नेतृत्व ने जहां कहीं सार्वजनिक रूप से चेतावनी के अतिरिक्त इन मामलों विपक्ष और मीडिया के दबाव में कार्यवाही करने की जहमत उठार्इ उन्हे भी पुन: महिमा मणिडत किया। जिस प्रकरण का जिक्र करते हुए सपा प्रमुख ने चेतावनी जारी करी जब उसमें ही कोर्इ कार्यवाही नही की गर्इ, तो अन्य मामलों में कार्यवाही होगी यह संभव है क्या?
श्री पाठक ने कहा कि मुजफ्फरनगर दंगों को लेकर संर्किणता पाले लोग कभी दंगों को जातिय संघर्ष बताते है तो कभी राहत कैम्पों में रह रहे लोगों को निशाने पर ले उन्हे शरणार्थी की बजाय साजिशकर्ता करार देने में लग जाते है। सपा प्रमुख और मुख्यमंत्री में संवादहीनता की सिथति यह है कि दंगों का दंश झेल रहे लोगों को सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव जहां साजिशकर्ता बता रहे है, वही सरकार ने माना की ये शरणार्थी है और इन्हे शीघ्र ही वापस गांव भेजने का प्रयास किया जा रहा है। अब सच कौन बोल रहा है, उन्होने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से सवाल करते हुए कहा कि राहत शिविरों मे रह रहे पीडि़तों (साजिशकर्ताओं) को घर वापस भेजने में और कितने दिन लगायेंगे।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि एक तो दंगों का दंश झेल रहे लोग मौसम की मार से पीडि़त हो रहे है। बच्चों की जान गवा रहे है। दूसरे उनके बदहाली और बेबसी का मजाक बनाये ये बयान उन्हे दर्द दे रहे है। सरकार सच बताये?
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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