उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि राज्य के नौजवानों को तरक्की के अवसर देकर प्रदेश के विकास में भागीदार बनाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने कहा कि 3 वर्षों में 4200 करोड़ रुपए की लागत से 24 लाख नौजवानों को प्रशिक्षण देकर उन्हें कुशल कामगार के रूप में तब्दील किया जाएगा। इसके लिए राज्य में नए राजकीय औधोगिक प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना तथा पहले से कायम औधोगिक प्रशिक्षण संस्थानों की क्षमता में विस्तार के साथ-साथ निजी क्षेत्रों का भी सहयोग लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन का शुभारम्भ करने के पश्चात उपसिथत लोगों को सम्बोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने उ0प्र0 कौशल विकास के लोगो तथा मिशन के सम्बन्ध में तैयार की गर्इ पुसितका एवं प्रोमो फिल्म का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने लगभग 166 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित होने वाले राजकीय औधोगिक प्रशिक्षण संस्थानों के 34 भवनों का शिलान्यास भी किया। इस अवसर पर उन्होंने मिशन के तहत चयनित 42 प्रशिक्षण प्रदाताओं में से 5 को आमंत्रण पत्र भी प्रदान किया। मुख्यमंत्री के समक्ष रेमण्ड के साथ एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर भी सम्पन्न हुआ। यह संस्था योजना के तहत प्रदेश में 5 टेलरिंग टे्रनिंग सेण्टर स्थापित करेगी।
श्री यादव ने कहा कि बदलते हुए परिवेश में प्रदेश के नौजवानों को यदि सही ढंग से प्रशिक्षित कर दिया जाए तो उन्हें रोजगार के काफी अवसर सुलभ होंगे। इससे जहां उन्हें व्यकितगत लाभ होगा वहीं प्रदेश एवं देश की आर्थिक सिथति में भी सुधार होगा। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के युवक-युवतियों को उपलब्ध कराए जा रहे रोजगार के अवसरों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न कार्यों हेतु लगभग 20,000 नौजवानों को रोजगार प्राप्त हुए हैं। इसी प्रकार प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में संचालित एवं बन रहे मेडिकल कालेजों के अलावा मेट्रो तथा आर्इ.टी. सिटी आदि से भी रोजगार के व्यापक अवसर उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार निवेश बढ़ाने तथा प्रदेश में आधारभूत संरचनाओं का जाल बिछाने के लिए काम कर रही है, इससे भी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान के साथ-साथ भविष्य में बहुत ऐसे काम आएंगे, जिसके लिए कुशल कामगारों की जरूरत पड़ेगी। इसलिए कौशल विकास मिशन को पूरी गम्भीरता एवं संजीदगी से चलाया जाना जरूरी है।
केन्द्र सरकार की इस योजना की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने इस योजना के तहत कोर्इ काम नहीं किया। जबकि कर्इ प्रदेश इस योजना में काफी आगे बढ़ गए। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार इस दिशा में गम्भीरता से काम करते हुए कौशल विकास मिशन को गति प्रदान करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने भरोसा जताया कि आगे आने वाले वर्षों में इस योजना से प्रदेश में काफी हुनरमंद नवयुवक एवं नवयुवतियां तैयार होकर अपने लिए आजीविका कमाना शुरु कर देंगे। राजकीय औधोगिक प्रशिक्षण संस्थानों में उपलब्ध संसाधनों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इन संस्थानों में पर्याप्त मशीनें उपलब्ध हैं, लेकिन प्रशिक्षक नहीं हैं। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि अच्छे प्रशिक्षक जहां भी उपलब्ध हों, उन्हें इस कार्यक्रम से जोड़ने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने इस क्षेत्र में निजी संस्थाओं से सहयोग प्राप्त करने के लिए भी कहा है।
वर्तमान आर्थिक व्यवस्था एवं विस्तृत हो रहे सेवा क्षेत्र में बढ़ने वाले अवसर का उल्लेख करते हुए श्री यादव ने कहा कि भविष्य में खुदरा, आर्इ.टी., बी.पी.ओ. सहित तमाम क्षेत्रों में कुशल कामगारों की आवश्कयता पड़ेगी। ऐसे में इस योजना के तहत लोगों को अच्छी तरह से प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अमेरिका सहित कर्इ विकसित देशों में कार्यकारी जनसंख्या का अभाव हो रहा है। प्रदेश में कुशल कामगार तैयार होने से उन्हें ऐसे देशों में भी कार्य करने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत 600 से अधिक टे्रड चिनिहत किए गए हैं, जिन्हें क्षेत्र विशेष की आवश्यकतानुसार संचालित किया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में किए जा रहे कार्यों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार नर्इ सड़कों, पार्कों के विकास तथा उधोग के अलावा किसानों, छात्रों एवं नौजवानों के लाभ के लिए भी काम कर रही है। राज्य सरकार द्वारा संचालित नर्इ कुक्कुट नीति एवं डेयरी योजनाओं के फलस्वरूप हुर्इ प्रगति की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की इन योजनाओं को केन्द्र सरकार ने भी सराहा है और इसे बड़े पैमाने पर लागू करने का इरादा जताया है।
इस अवसर पर व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के मंत्री श्री ब्रह्रााशंकर त्रिपाठी ने कहा कि इस योजना के तहत लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निजी क्षेत्रों से भी सहयोग लिया जाएगा और तकनीकी संस्थाओं की क्षमता में विस्तार किया जाएगा। विभाग के राज्य मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह यादव ने कहा कि यह योजना प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होगी।
कौशल विकास मिशन की विस्तृत जानकारी देते हुए मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने कहा कि इस योजना से प्रदेश को काफी लाभ हो सकता है। बशर्ते राज्य के कम पढ़े-लिखे युवक-युवतियों को अच्छी तरह से प्रशिक्षित कर उन्हें कुशल कामगार के रूप में तैयार किया जाए। उन्होंने विश्व के विभिन्न देशों की वर्तमान जनसंख्या की सिथति का उल्लेख करते हुए कहा कि संसार के कर्इ विकसित देशों की आबादी तेजी से वृद्ध हो रही है, जबकि भारत में सर्वाधिक नौजवान आबादी उपलब्ध है। इसलिए आगामी वर्षों में वर्तमान की अपेक्षा 5 से 6 गुना अधिक लोगों को प्रशिक्षण देकर उनका कौशल विकास किया जाना जरूरी है। इस योजना को प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए सरकार ने कर्इ कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि राजकीय औधोगिक प्रशिक्षण संस्थानों की सीटों में बढ़ोत्तरी, नए संस्थानों की स्थापना के साथ ही अनुदेशकों के रिक्त पदों को भरने की कार्रवार्इ भी की जा रही है।
कार्यक्रम को प्रमुख सचिव व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास श्री आलोक कुमार ने भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री अहमद हसन, बेसिक शिक्षा मंत्री श्री राम गोविन्द चौधरी, रेशम एवं कपड़ा उधोग मंत्री श्री शिव कुमार बेरिया, पर्यटन मंत्री श्री ओम प्रकाश सिंह, कारागार मंत्री श्री राजेन्द्र चौधरी, राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री नवीन चन्द्र बाजपेर्इ सहित कर्इ जनप्रतिनिधि, प्रमुख सचिव आवास एवं सूचना श्री सदा कान्त, मुख्यमंत्री के परामर्शी श्री आमोद कुमार, कौशल विकास मिशन के निदेशक श्री विकास गोठवाल सहित अन्य अधिकारी तथा निजी संस्थाओं के प्रशिक्षक आदि उपसिथत थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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