भारतीय जनता पार्टी ने हार्इकोर्ट की लखनऊ बेंच द्वारा सपा सरकार में रेवड़ी की तरह बांटी जा रही लालबतितयों पर रोक लगाने का âदय से स्वागत किया है। प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्र मोहन ने कहा कि न्यायालय के इस निर्णय से प्रदेश की सपा सरकार के मुह पर करारा तमाचा लगा है।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 मोहन ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से तो लालबत्ती बांटने की बाढ़ सी आ गयी है। प्रदेश सरकार सब काम काज छोड़कर केवल लालबत्ती वितरण समारोह में ही वयस्त हो गर्इ है। उन्हाेंने कहा कि चुनावी आहट से शुरू हुआ बत्ती बांट कार्यक्रम मुजफ्फरनगर दंगे के बाद पशिचमी उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक हुआ। अकेले मेरठ में तीन, बागपत में दो, मुजफ्फरनगर में चार और शामली में एक लालबत्ती दी गर्इ।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 मोहन ने कहा कि इन बतितयाें के बांटने से सपा का ग्राफ सुधरने वाला नहीं है क्योंकि मुजफ्फरनगर दंगे के समय सरकार की साम्प्रदायिक नीति का प्रचण्ड ताण्डव जनता देख चुकी है। डा0 मोहन ने कहा कि प्रदेश सरकार के मनमानेपन को न्यायालय समय-समय पर रोकता रहता है लेकिन उसके बाद भी सपा सरकार को शर्म नहीं आती। उन्हाेंने कहा कि चाहे मुजफ्फरनगर दंगे के समय पीडि़तों को राहत दिये जाने में धर्म के आधार पर भेदभाव की बात रही हो या माध्यमिक चयन आयोग में आरक्षण की बात रही हो, प्रत्येक मामले में न्यायालय ने अपना दखल देकर प्रदेश सरकार को रोकने का काम किया है। अब लालबत्ती वितरण अभियान को रोककर न्यायालय ने प्रदेश सरकार को एक बार फिर सबक सिखाने का काम किया है। डा0 मोहन ने कहा कि प्रदेश सरकार में मंत्रियों की संख्या से रायबहादुरों की संख्या लगभग दूनी हो गयी है।
प्रदेश प्रवक्ता ने सपा सरकार से मांग करते हुए कहा कि वह न्यायालय के निर्णय का सम्मान करते हुए बांटी गर्इ लालबतितयों को अविलम्ब वापस ले।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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