प्रदेश के नगर विकास एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद आज़म खाँ ने आज यहाँ विधान भवन में सूचना एवं जन संपर्क विभाग द्वारा प्रकाशित मशहूर उदर्ू पत्रिका ‘नया दौर के ‘वाली आसी विशेषांक का विमोचन किया। इस मौके पर सूचना निदेशक श्री प्रभात मित्तल और पत्रिका के सम्पादक डा0 वज़ाहत हुसैन रिज़वी मौजूद थे।
विशेषांक के विमोचन के बाद श्री आज़म खाँ ने कहा कि वाली आसी की शायरी हमारी तहजीबी परम्परा की एक बेहतरीन मिसाल है। उन्होंने अपनी शायरी के माध्यम से इंसानी दु:ख-दर्द का चित्रण करने की भरपूर कोशिश की है और इस कोशिश में वह बड़ी हद तक कामयाब भी रहे हैं। वाली आसी न तो आधुनिकता के समर्थक थे और न ही पुरातनवादी थे, बलिक सामाजिक बराबरी को अपनी जिंदगी का जरूरी उद्देश्य मानते थे। उन्हें ये खूबियाँ विरासत में मिली थीं और जिंदगी भर उन्होंने इन परम्पराओं का अपनी शायरी के जरिये संरक्षण किया। श्री आज़म खाँ ने कहा कि नया दौर ने अपनी शानदार साहितियक परम्परा को निभाते हुये वाली जैसे मशहूर शायर को श्रद्धांजलि अर्पित करने के मकसद से उनकी शायरी पर यह विशेषांक प्रकाशित किया है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि नया दौर के अन्य विशेषांकों की ही तरह इस विशेषांक को भी पाठक पसंद करेंगे।
नगर विकास मंत्री ने सूचना निदेशक से अपेक्षा की कि विगत 67 वषोर्ं में प्रकाशित होने वाले नया दौर के सभी अंकों को किताबी रूप में एक श्रृंखला के तहत प्रकाशित कराया जाये। नया दौर के सम्पादक की योग्यताओं का जिक्र करते हुये उन्होंने कहा कि डा0 रिजवी ने नया दौर के सम्पादक की हैसियत से कर्इ अच्छे विशेषांक प्रकाशित किये हैं। ये सभी अंक सही अथोर्ं में दस्तावेज की हैसियत रखते हैं। उन्होंने उम्मीद जाहिर की डा0 रिजवी भविष्य में भी इसी तरह के विशेषांक निकालते रहेंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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