तरंगिनी 2013 के समापन समारोह के अवसर पर आज महिला विधालय के प्रांगण में प्रात: 11:30 बजे प्रारम्भ हुआ तो महिला विधालय के सम्पूर्ण शैक्षणिक, प्रशासनिक एवं छात्रावास क्षेत्र के सम्पूर्ण परिसर को वार्इ फार्इ से जोड़ दिया गया एवं इसका उदघाटन भी समापन समारोह के मुख्य अतिथि माननीय कुलपति प्रो0 एस0 बी0 निमसे के द्वारा सम्पन्न हुआ। यह कार्य मानव संसाधन विकास मंत्रालय की नेशनल मिशन आन एजूकेशन थ्रू इंफार्मेशन एण्ड कम्यूनिकेशन टेक्नोलाजी के अन्तर्गत पूर्ण कराया गया है।
इस अवसर पर प्रो0 निमसे ने विधालय में वार्इ फार्इ का उदघाटन करते हुए कहा कि महिला विधालय उत्तर भारत का यह स्त्री शिक्षा का पुरातन विधालय है। इसमें स्वयत्तशासी विश्वविधालय का दर्जा प्राप्त करने के लिए सभी आवश्यक तत्व मौजूद है। उन्होनें कहा कि उनका प्रयास होगा कि महिला विधालय यह दर्जा जल्दी से जल्दी इसे प्राप्त करें एवं विधालय की छात्राओं से आहवान किया कि वह जीवन में सफल बनें एवं सफलता का निजी जीवन में उपभोग करने के उपरान्त विधालय को आर्थिक सहयोग प्रदान कर विधालय को उत्तरोत्तर आगे बढ़ायें। प्रो0 निमसे ने कहा कि इसी प्रकार छात्राऐं भविष्य में भी प्रत्येक क्षेत्र में अग्रणी रहकर विधालय की गरिमा बढ़ाऐंगी।
इस अवसर पर डा0 मनोज दीक्षित, प्राक्टर, लखनऊ विश्वविधालय, लखनऊ एवं लखनऊ दूरसंचार के अधिकारियों मुख्य महाप्रबंधक श्री सुनील परिहार, डी0 डी0 जी0 श्री महिधर पंत एवं श्री वी0 पी0 सिंह, डा0 मलेन्दु मिश्रा, पूर्व अध्यक्ष लुआक्टा एवं लखनऊ के विभिन्न महाविधालयों के प्राचार्यगण एवं डा0 अनुराधा शर्मा, संयोजिका तरंगिनी 2013 की विशिष्ट उपसिथति में महिला विधालय में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता महिला विधालय की प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्तापूर्व मंत्री पूर्व महाअधिवक्ता श्री उमेश चन्द्रा प्रदान की। इस अवसर पर महिला विधालय की प्रबंध समिति के प्रबंधक प्रो0 ए0 के0 श्रीवास्तव, प्रबंध समिति के सभी सदस्यगण, महिला पी0जी0 कालेज की प्राचार्या डा0 जया श्रीवास्तव, महिला इण्टर की प्रधानाचार्या सुधा खरे एवं महिला ब्राइट की प्रधानाचार्या डा0 हुनैजा हुसैन सहित विधालय की शिक्षिकायें, छात्रायें एवं छात्रा संगठन की पदाधिकारी गण एवं सभी प्रतिभागी डिग्री कालेजों की शिक्षिकायें एवं छात्र एवं छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
कार्यक्रम का संचालन विधालय की शिक्षिका डा0 सत्या श्रीवास्तव, ने करते हुए अतिथियों का स्वागत किया। दीप प्रज्जवलन, सरस्वती वन्दना, कुलगीत तथा स्वागत गीत के साथ ही विधालय की छात्राओं के द्वारा प्रस्तुत किया गया। मंच पर उपसिथत सभी अभ्यागतों का स्वागत फूलो का गुलदस्ता तथा स्मृति चिन्ह देकर किया गया। प्राचार्या डा0 जया श्रीवास्तव ने वार्षिक रिर्पोट प्रस्तुत करते हुए कहा कि इस विधालय की छात्रायें सदैव शिक्षा के साथ ही विविध सांस्कृतिक गतिविधियों में बढ़चढ़ कर भाग लेती रही है। और विधालय का नाम रोशन करती है। उन्होनें कहा कि इस प्रकार के आयोजन छात्र एवं छात्राओं के मध्य जहा स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देते है वहंी उनके व्यकितत्व विकास के साथ-साथ नयी परिसिथतियों का सामना करने का भी जीवन में अवसर प्रदान करते है। उन्होनं बताया कि अन्र्तमहाविधालयी प्रतियोगिता में दिनांक 16 एवं 17 दिसम्बर को लखनऊ के 22 महाविधालय के छात्र एवं छात्राओं ने महिला विधालय परिसर में आयोजित 14 प्रतियोगिताओं जिनमें म्ेांहदी, पुष्प सज्जा, सलाद सज्जा, रंगोली, पोस्टर, सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी(किवज), वाद-विवाद आदि को आयोजित किया गया एवं विजेताओं को पुरस्कृत भी किया गया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम रहे तरंगिनी 2013 के समापन समारोह के विशेष आकर्षण
समापन समारोह के अवसर पर विविध रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों में योग-सूर्य नमस्कार की संगीतमयी प्रस्तुति, कत्थक एवं ठुमरी नृत्य आदि मनमोहक प्रस्तुत किये गये। महाकवि जयशंकर प्रसाद की रचना ”बीती विभावरी जाग री पर रूचि पाण्डेय ने भावभीना नृत्य प्रस्तुत किया जिसमें संगीत संस्कृति और गणित की त्रिवेणी के साथ त्रिदिवसीय तरंगिनी 2013 के आयोजन सम्पन्न हुए। कार्यक्रम का निर्देशन डा0 सीता राठौर द्वारा किया गया। समापन समारोह का अन्त राष्ट्रगान से हुआ।
तरंगिनी 2013 समापन समारोह में मेधा हुयी सम्मानित
नोट:- मेधा सूची सलंगिनत है।
इस अवसर पर मेधावी एवं प्रतिभाशाली छात्राओं को शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं अन्य गतिविधियों सहित खेलकूद, एन0एस0एस0, एन0सीसी0 सहित वर्ष भर विभिन्न कार्यक्रमों के लिए पुरूस्कार, प्रमाण पत्र, मेंडल एवं छात्रवृतितयों का भी मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि द्वारा प्रदान किया गया।साथ ही साथ विधालय की बी0 ए0, बी0एस0सी0, बी0एच0एस0सी0, बी0 काम0 के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष, एम0 ए0 गृह विज्ञान एवं बी0 एड0 में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाली छात्राओं को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिये छात्राओं को सम्मानित किया गया।
विधालय की प्रबंध समिति के प्रबंधक प्रो0 ए0 के0 श्रीवास्तव, ने अपने उदबोधन में कहा कि लखनऊ के इस ऐतिहासिक 118 वर्षीय पुरातन छात्रा शिक्षण केन्द्र जो कि प्राइमरी से पी0 जी0 तक एक ही छत के अन्तर्गत सफलतापूर्वक संचालित हो रहा है में विधालय के प्रबंध तंत्र द्वारा गठित ”र्इला कौल कमल सृजन पीठ एवं बाबू हरगोविन्द दयाल संगीत पीठ के माध्यम से छात्राओं के व्यकितत्व विकास सांस्कृतिक एवं समाजिक सरोकार के कार्यक्रमों का आयोजन का कार्य निरंन्तर सफलता पूर्वक कर रहा है। विधालय का प्रबंध तंत्र विधालय को सदैव आधुिनक तकनीक से लैस करने के प्रयत्नों में साइबर कैफे से लेकर कम्प्यूटरीकृत छात्रा सुविधा केन्द्र, कम्प्यूटर लैब हो अथवा विधालय के भवनों के नवीनीकरण एवं उच्चीकरण कर सफलतापूर्वक छात्राओं को शिक्षा देने का विषय हो अपने प्रयासों में सदैव अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य करने का प्रयास जारी रखें है।
अध्यक्षीय उदबोधन में श्री उमेश चन्द्रा ने कहा कि यह विधालय प्रगति और प्रशससित की गाथायें लिखता आया है, बच्चे ही देश निर्माण की रीढ़ की हडडी है जिन्हें विकसित एव मजबूत होना आवश्यक है इस विधालय में शिक्षा की गुणवत्ता के साथ ही सभी सांस्कृतिक व व्यकितत्व निर्माण की गतिविधयों में भाग लेने के लिए छात्राओं को प्रोत्साहित कर उनके सर्वांगीण विकास पर ध्यान दिया जाता है। इस विधालय की छात्राओं ने अनेक उपलबिधयां अर्जित की हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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