सरदार पटेल की दुनिया में सबसे ऊँची मूर्ति के निर्माण के लिए उत्तर प्रदेश में लौह संग्रहण का कार्य सभी जिलों में एक साथ 1 जनवरी, 2014 से एक जनवरी, 2014 को लौह संग्रहण कार्यक्रम का प्रारम्भ प्रदेश के आठों क्षेत्रों में भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष एवं लौह संग्रहण सहयोग समिति के क्षेत्र संयोजक संयुक्त रूप से जिलाध्यक्ष एवं जिला संयोजक की उपसिथति में करेंगे। इन आठों क्षेत्रों के अतिरिक्त अन्य सभी जिलों में जिलाध्यक्ष एवं जिला संयोजक उसी दिन जिला केन्द्र पर लौह संग्रहण का कार्य करेंगे। यह संग्रहण एक जनवरी को ही प्रत्येक मंडल स्तर पर मंडल के अध्यक्ष एवं संयोजक संयुक्त रूप से करेंगे। इस प्रकार पूरे प्रदेश में एक जनवरी को 900 स्थानों पर लौह संग्रहण कार्य सम्पन्न करके कार्य योजना का प्रारम्भ किया जायेगा।
लौह संग्रहण कार्यक्रम योजनानुसार सम्पन्न हो और जनता में राष्ट्रीय एकता और सुराज के प्रति जागृति व चेतना का पर्याप्त संचार हो, इस दृषिट से 22 दिसम्बर से 31 दिसम्बर, 2013 तक प्रत्येक जिले में प्रशिक्षण हेतु कार्यशालाओं का आयोजन किया जायेगा। जिला स्तर से गाँव स्तर तक के प्रमुख पदाधिकारी व कार्यकर्ता कार्यशाला में भाग लेंगे। आज लौह संग्रहण सहयोग समिति के क्षेत्र संयोजकों एवं सह संयोजकों की बैठक लौह संग्रहण सहयोग समिति, उ0प्र0 के संयोजक ओम प्रकाश सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुर्इ।
उन्होंने बताया कि लौह संग्रहण प्रत्येक ग्राम पंचायत क्षेत्र से किया जायेगा, जिसमें कृषि कार्य में उपयोग किया गये लोहे के औजार के साथ गांव की पवित्र मिटटी भी एकत्रित की जायेगी। यह कार्य ग्राम पंचायत में ग्रामीणों के चौपाल के माध्यम से किया जायेगा और ग्रामवासियों का सुराज पिटीशन पर हस्ताक्षर भी लिया जायेगा। लौह का उपयोग मूर्ति निर्माण में किया जायेगा तथा मिटटी का बाटल एवं सुराज पिटीशन स्मारक के साथ निर्मित होने वाली दुनिया के सबसे बड़े संग्रहालय में में रखा जायेगा जो कम से कम 500 साल तक सुरक्षित रहेगा।
यह सूचना लौह संग्रहण सहयोग समिति के प्रदेश सह संयोजक अनूप गुप्ता ने दी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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