सिटी मोन्टेसरी स्कूल द्वारा आयोजित ‘विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 14वें अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन का भव्य उदघाटन आज प्रात: सुप्रीम कोर्ट आफ इणिडया की न्यायाधीश माननीया न्यायमूर्ति सुश्री ज्ञान सुधा मिश्रा ने सी.एम.एस. कानपुर रोड आडिटोरियम में दीप प्रज्वलित कर किया तथापि उदघाटन समारोह की अध्यक्षता प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष श्री माता प्रसाद पाण्डेय ने की। विश्व एकता, विश्व शानित एवं विश्व के ढार्इ अरब बच्चों के सुरक्षित भविष्य को समर्पित इस ऐतिहासिक सम्मेलन के उदघाटन अवसर पर सी.एम.एस. कानपुर रोड का विशाल आडिटोरियम विश्व के 60 देशों से पधारे मुख्य न्यायाधीशों, उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्तियों, कानूनविदों, शानित प्रचारकों व अन्य जानी-मानी हसितयों की उपसिथति से जगमगा उठा। इस ऐतिहासिक अवसर पर सी.एम.एस. छात्रों ने सर्व-धर्म प्रार्थना एवं वल्र्ड पार्लियामेन्ट की अनूठी प्रस्तुति के माध्यम से एकता व शानित का अलख जगाया तो वहीं दूसरी ओर देश-विदेश से पधारे प्रख्यात न्यायविदों ने अपने सारगर्भित सम्बोधन में विश्व के ढार्इ अरब बच्चों के सुरक्षित भविष्य हेतु सी.एम.एस. के 47,000 छात्रों की अपील का पुरजोर समर्थन किया।
उदघाटन समारोह में बोलते हुए माननीया न्यायमूर्ति सुश्री ज्ञान सुधा मिश्रा, जज, सुप्रीम कोर्ट, भारत, कहा कि विश्व व्यवस्था को सुदृढ करने हेतु यह सम्मेलन सारे विश्व के लिए एक सशक्त उदाहरण है। हमें इस सम्मेलन को सिर्फ सिद्धान्त में ही नहीं रहने देना है बलिक इसे प्रायोगिक रूप से भी लागू करना होगा। इसमें दो राय नहीं कि शांति की आवश्यकता सभी को हैं, परन्तु हमें सोचना होगा कि हम शानित व एकता स्थापित करने के प्रयासों के प्रति हम कितने गंभीर है, इसके लिए हमें आत्ममंथन करना होगा। उन्होने सम्मेलन की सफलता की कामना करते हुए कहा कि जिस प्रकार पानी अपना रास्ता खुद बना लेता है और विचार अपना मार्ग तलाश लेते हैं, ठीक उसी प्रकार इस सम्मेलन का भी अवश्य ही कोर्इ सुन्दर परिणाम निकलेगा। समारोह की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष श्री माता प्रसाद पाण्डेय ने कहा कि सिटी मोन्टेसरी स्कूल ने बच्चों के अधिकारों को लेकर जो आवाज पूरे विश्व में बुलन्द की है, उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए, कम है। उन्होंने कहा कि विश्व में अराजकता, आतंकवाद व अन्य अपराधों की रोकथाम हेतु मजबूत अन्तर्राष्ट्रीय कानून व्यवस्था बेहद जरूरी है। इस अवसर पर मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन की रिसेप्शन कमेटी के अध्यक्ष एवं सुप्रीम कोर्ट, भारत के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री ए.पी. मिश्रा, प्रदेश के महाधिवक्ता श्री वी.सी. मिश्रा, गुयाना के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति कार्ल अशोक सिंह, सुप्रीम कान्स्टीटशनल कोर्ट, इजिप्ट के डेप्यूटी चीफ जसिटस न्यायमूर्ति डा. आदेल ओमर शेरीफ समेत कर्इ न्यायमूर्तियों ने अपने विचार व्यक्त किए।
इससे पहले, आज प्रात: सी.एम.एस. छात्रों द्वारा निकाले गये विशाल ‘विश्व एकता मार्च में 60 देशों से पधारे मुख्य न्यायाधीशों, न्यायाधीशों, कानूनविदों व विश्व शानित समर्थकों ने जोरदार भागीदारी कर ”विश्व के ढार्इ अरब बच्चों के सुरक्षित भविष्य की आवाज बुलन्द की। कानपुर रोड सिथत पुरानी चुंगी से सी.एम.एस. कानपुर रोड आडिटोरियम तक निकाले गये विशाल ‘विश्व एकता मार्च में देश-विदेश के न्यायविदों व कानूनविदों ने विश्वव्यापी आतंकवाद के समाधान, विश्व के ढार्इ अरब बच्चों के सुरक्षित भविष्य एवं ‘प्रभावशाली अन्तर्राष्ट्रीय कानून व्यवस्था की पुरजोर अपील की एवं सी.एम.एस. के विश्व एकता अभियान का पुरजोर समर्थन किया। इस ‘विश्व एकता मार्च में शामिल होकर न्यायविदों व कानूनविदों ने सिद्ध कर दिया कि संसार भर के बच्चों के भविष्य को लेकर उठाये प्रश्नों को टाला नहीं जा सकता। इस विशाल एकता मार्च में सी.एम.एस. की सभी शाखाओं की प्रधानाचार्याओं व शिक्षकशिक्षिकाओं ने भी बड़े उत्साह से भागीदारी की, साथ ही सी.एम.एस. के हजारों छात्रों ने हाथों में ग्लोब लेकर न्यायाधीशों की ड्रेस में एवं सभी
धर्मो के प्रतिनिधि के रूप में बड़े आकर्षक वस्त्र पहनकर एकता मार्च में भव्य सुन्दरता प्रदान कर आकर्षक बनाया।
इस ऐतिहासिक सम्मेलन के संयोजक व सी.एम.एस. संस्थापक, प्रख्यात शिक्षाविद
डा. जगदीश गाँधी ने आज अपरान्ह: सत्र में आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में मुख्य न्यायाधीशों के विचारों से अवगत कराते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ में पाँच वीटो पावर के होते हुए यह समानता सम्भव नहीं है इसलिए एक प्रजातानित्रक विश्व सरकार का गठन अतिआवश्यक है। विश्व सरकार, विश्व संसद और अन्तर्राष्ट्रीय कानून व्यवस्था ही विश्व को बचाने में सक्षम होगी। संयुक्त राष्ट्र संघ का यह बदला रूप ही मानव जाति का कल्याण कर सकता है व आतंकवाद, अशिक्षा, बेरोजगारी और पर्यावरण सम्बन्धी समस्याओं को नियनित्रत कर सकता है। डा गाँधी ने आगे बताया कि मुख्य न्यायाधीशों ने सी.एम.एस. के बच्चों की विश्व एकता की अपील को ध्यानपूर्वक सुना व इस पर गहरा विचार-विमर्श किया। इस अपील में छात्रों ने विश्व के ढार्इ अरब बच्चों की ओर से इन मुख्य न्यायाधीशों से कहा कि हम बच्चे एक सुरक्षित भविष्य चाहते हैं। हम स्वस्थ जलवायु में सांस लेना चाहते हैं। हमें यह बमों का जखीरा नहीं चाहिए। आज लोग मिलकर ऐसी कानून व्यवस्था बनायें जिससे विश्व में न्याय हो और एकता व शानित स्थापित हो सके, शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जाये, बच्चों पर अत्याचार और अन्याय समाप्त हो, सबको चिकित्सा का लाभ मिल सके और युद्ध समाप्त हो।
सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि 60 देशों से पधारे न्यायविदों व कानूनविदों के सारगर्भित विचारों का दौर जारी है जिसके अन्तर्गत एक नवीन विश्व व्यवस्था पर गहन चिन्तन, मनन व मंथन चल रहा है। श्री शर्मा ने बताया कि इस ऐतिहासिक सम्मेलन की परिचर्चा अलग-अलग पैरालल सेशन्स के अन्तर्गत सम्पन्न हो रही है जिनमें ‘क्रिएटिंग ए कल्चर आफ यूनिटी एण्ड पीस, ‘इस्टेबिलसिंग रूल आफ ला, ‘ग्लोबल गवर्नेन्स स्ट्रक्चर, ‘टैकलिंग ग्लोबल इश्यूज, ‘टुवार्डस इण्टरनेशनल ला इन्फोर्सेबिलिटी एवं ‘सस्टेनबल डेवलपमेन्ट आदि विषयों एवं उप-विषयों पर विचार का आदान-प्रदान हो रहा है।
श्री शर्मा ने बताया कि 60 देशों से पधारे ये न्यायविद व कानूनविद आज सायं 7.00 बजे मुख्यमंत्री आवास पर जायेंगे, जहाँ मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव विभिन्न देशों के माननीय न्यायमूर्तियों के सम्मान में रात्रिभोज देंगे। इसके अलावा, विश्व के ढार्इ अरब बच्चों के सुरक्षित भविष्य के अधिकार को अपनी आवाज देने हेतु देश-विदेश के पधारे प्रख्यात न्यायविद व कानूनविद कल 15 दिसम्बर को प्रात: 8.00 बजे एक बार फिर से सी.एम.एस. छात्रों के विशाल ‘विश्व एकता मार्च में शामिल होंगे। यह विश्व एकता मार्च पुरानी चुंगी से प्रारम्भ होकर सी.एम.एस. कानपुर रोड आडिटोरियम पर सम्पन्न होगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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