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मंहगाई के मुद्दे पर जनता के साथ समाजवादी पार्टी

Posted on 09 February 2010 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता ने कहा केन्द्र और प्रदेश सरकार द्वारा खेती की उपेक्षा के दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं। मॉग और आपूर्ति में अन्तर के चलते खाद्य जिन्सों के दाम आसमान छू रहे हे। उद्योगों पर ज्यादा बल और खेती को अलाभप्रद बनाए जाने की सरकारी नीति के चलते कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर लगातार घटने की स्थिति में आ गई है।  केन्द्रीय सांख्यकी संगठन की रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2009-10 फसल वर्ष में खाद्यान्नों तथा तिलहनों के उत्पादन में क्रमश: 8 प्रतिशत और 5 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है। गन्ना उत्पादन में 11.8 फीसदी की कमी आएगी। स्पष्ट है कि चीनी और मंहगी होगी तथा आम आदमी की थाली में अब पोषक तत्वों की कमी तो होगी ही, गरीब को दो रोटी भी मयस्सर नहीं हो पाएगी। मंहगाई की मार और अभावग्रस्त जीवन में अपराधों का बढ़ना स्वाभाविक होगा, कानून व्यवस्था की स्थिति भी बिगड़ेगी और जिन्दगी ज्यादा असुरक्षित हो जाएगी।

अभी पिछले दिनों दिल्ली में मुख्यमन्त्रियों की बैठक में बढ़ती मंहगाई से कांग्रेस ने अपना पल्ला झाड़ लिया, तो प्रदेश की मुख्यमन्त्री ने ऐसे गम्भीर मसले पर आयोजित बैठक में जाना भी गंवारा नहीं समझा। आम आदमी को दोनों ने ही उनकी किस्मत के भरोसे छोड़ दिया है। यह देश की जनता के साथ फरेब है।

केन्द्र में यू0पी0ए0 सरकार ने शासन में आते ही मंहगाई रोकने का वायदा किया था किन्तु यह वायदा सिर्फ वायदा ही रह गया है। उत्तर प्रदेश की सरकार सिर्फ अपने स्मारकों के लिए धन जुटाने में और अपनी सुरक्षा में ही रूचि लेती है। जमाखोरों पर कार्यवाही के नाम पर वह भयादोहन का ही हथकण्डा अपनाती है। इन दोनों की विफलता का खमियाजा किसान और उपभोक्ता दोनों ही भुगत रहे हैं। केन्द्र सरकार और प्रदेश सरकार की अदूरदशी और जनहित विरोधी नीतियों की खिलाफत में समाजवादी पार्टी बराबर संघर्षशील है। वह मंहगाई के मुद्दे पर जनता की आवाज बराबर बुलन्द करती रहेगी समाजवादी पार्टी मानती है कि  इन सरकारों की किसान तथा खेती विरोधी नीति राष्ट्रहित में नहीं है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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