उत्तर प्रदेश में प्रथम बार लखनऊ में आगामी 13 से 15 दिसम्बर तक इणिडयन एसोसियेशन आफ वेटनरी माइक्रोबायोलाजिस्ट, इम्युनोलाजिस्ट (आर्इ0ए0वी0एम0आर्इ0) व संक्रामक रोगों के विशेषज्ञों की 27वीं राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन पशुपालन निदेशालय, बादशाहबाग के प्रेक्षागार में किया जा रहा है। इस संगोष्ठी में पशु वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों द्वारा पशुओं में उभरते हुए नये रोगों के निदान हेतु विचार-विमर्श किया जायेगा। पशुओं के उन्नत स्वास्थ्य, दुग्ध उत्पादन, मांस व प्रसंस्करण पर भी विशेषज्ञ अपनी राय से लोगों को जागरुक करेंगे।
यह जानकारी पशुधन, लघु सिंचार्इ एवं भूगर्भ जल मंत्री श्री राज किशोर सिंह ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि इस त्रि-दिवसीय संगोष्ठी में पशुओं के विभिन्न संक्रामक रोगों व उनके उपचार एवं पशुपोषण पर चर्चा होगी और विशेषज्ञों द्वारा शोधपत्र प्रस्तुत किये जायेंगे। इससे पशु उत्पादकता व उत्पादन बढ़ाने की तकनीक से प्रदेश की बढ़ रही पशुपालन गतिविधियों को नया आयाम मिलेगा। उन्हाेंने बताया कि संगोष्ठी में प्रदेश में प्रथम बार पशु चिकित्सा विज्ञान के पशुपोषण, जीवाणु व रोग प्रतिरोधक विज्ञान के विश्व प्रसिद्ध विशेषज्ञों के साथ भारत वर्ष के लगभग 75 विशेषज्ञों व प्रदेश के 200 पशुचिकित्साविद भाग ले रहे हैं।
श्री सिंह ने बताया कि इस राष्ट्रीय सिम्पोजियम से जहां विभागीय अधिकारियों एवं पशुपालकों को आधुनिक तकनीक का ज्ञान मिलेगा वहीं प्रदेश के आर्थिक उन्नयन के लिए तैयार की जाने वाली पशुपालन सम्बन्धी योजनओंकार्यक्रमों में भी सहयोग मिलेगा। उन्होंने कहा कि उच्च गुणवत्ता के पशुओं की उत्पादकता व उत्पादन बढ़ाने में मुख्य रूप से पोषण व पशु स्वास्थ्य आवश्यक है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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