समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी सरकार के खिलाफ भाजपा और कांग्रेस दोनों के सुर एक हैं। जाति-संप्रदाय की राजनीति के इन दोनों पैरोकारों को न तो प्रदेश के विकास से रूचि है, नहीं वे पिछड़ों, नौजवानों और मुसलमानों को तरक्की करते देखना चाहते है। इनके फायदे की योजनाओं में विपक्षी दलों को तुष्टीकरण दिखार्इ पड़ता है जबकि मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव यह बात स्पष्ट कर चुके हैं कि समाजवादी पार्टी सरकार सभी वर्गो के लिए काम करती है।
श्री मुलायम सिंह यादव ने लोकसभा में सच्चर कमेटी की रिपोर्ट पेश किए जाने की मांग उठार्इ थी और इस बात पर जोर दिया था कि चूंकि मुसलमानों की हालत दलितों से बदतर है, इसलिए सामाजिक विषमता मिटाने के लिए उन्हें विशेष अवसर दिया जाना उचित होगा। समाजवादी पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र में भी इसका वायदा किया गया था। अत: सरकार ने मुसिलमों के हक में जो भी निर्णय लिए हैं इसी विचार से लिए हैंं कि उन्हें भी सम्मानपूर्वक जीने का मौका मिलना चाहिए।
समाजवादी पार्टी की सरकार में मुजफफरनगर में जो दु:खद घटना घटी समाजवादी पार्टी ने त्वरित कार्यवाही कर उसपर नियंत्रण पा लिया। इतनी जल्दी तीन दिन में ही कोर्इ सरकार इतनी प्रभावी साबित नहीं हुर्इ। घटना के बाद राज्य सरकार ने विस्थापितों को भोजन, छत और आर्थिक सहायता दी। सरकार की यह भी कोशिश है कि सभी विस्थापित अपने गांव-घरों में वापस जाएं। इसके लिए उनकी जानमाल की सुरक्षा के प्रशासनिक प्रयास चल रहे है।
मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने मुजफफरनगर और शामली में हुर्इ हिंसा के दौरान विस्थापित परिवारों के पुनर्वासन की सहायता के लिए वित्तीय वर्ष 2014-15 में उत्तर प्रदेश आकसिमकता निधि से लिए गए 90 करोड़ रूपयों की अगि्रम प्रतिपूर्ति की व्यवस्था की हैं। समाजवादी पार्टी सरकार मुसिलम युवाओं को लैपटाप, छात्रवृत्ति, प्रतियोगी परीक्षाओं की मुफत कोचिंग की सुविधा दे रही है। मुसिलम लड़कियों को अनुदान में 30 हजार रूपए दिए जा रहे हैं। मदरसों की भी विशेष मदद की जा रही है। उदर्ू भाषा को प्रोत्साहित किया जा रहा है। स्पष्ट है, इन सबका उददेश्य मुसिलम समाज को आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक रूप से मजबूत बनाना है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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