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स्त्री समाज के हर मोर्चे पर आगे है तो देश में फिर निर्भया जैसा काण्ड क्यों?

Posted on 11 December 2013 by admin

आज ं स्त्री संस्था की ओर से प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता को सम्बोंधित करते हुए संस्था की अध्यक्ष  रेशू भाटिया ने कहा कि  जब-जब देश कठिनाइयों में पड़ा स्त्री समाज ने सदैव अपनी भूमिका का निर्वहन किया। भारत देश जहाँ पर स्त्री को सदैव देवी का स्थान दिया, जहाँ नवरात्रि का व्रत करके व्यकित अपने और देश की रक्षा की कामना करता है, जहाँ पर कहा गया है कि स्त्री की जहां पूजा होती है देवता वहीं पर निवास करते हैं। बहुत दूर न जाकर आजादी के काल में मैडम भीका जी कामा जिन्होंने भारत के तिरंगो को फ्रांस में फहराकर अंग्रेजों के होश उड़ा दिये। रानी चेन्नम्मा ने दक्षिण में ऐसा ही कार्य किया। अहिल्या देवी सोनकर ने तो धर्म के लिए जो कार्य किया वो अद्वितीय है। राज धर्म के कारण अपने इकलौते पुत्र को ही फांसी पर लटका दिया। यह देश महात्मा गांधी के कार्यो को कभी भूल नहीं सकती। गांधी जी चाहे अफी्रका हो या भारत देश। देश के आन्दोलन में वे अपनी धर्म पत्नी कस्तूरबा गांधी के सहयोग के बिना इतना बड़ा आदोलन चलाना कठिन था, यह कथन स्वयं गांधी जी का है और आज भी जब अपने देश की स्त्री समाज के हर मोर्चे पर आगे है तो फिर Þनिर्भया जैसा काण्ड क्यों?Þ सुप्रीम कोर्ट के जज गांगुली पर उठा विवाद ऐसा क्यंू? समाज के पुरूष वर्ग को अपनी सोच बदलने की आवश्यकता है।
स्त्री की डायरेक्टर श्रीमती रेशू भाटिया ने कहा कि हमारी मांग  है कि महिलाओं को राजनीति में बराबरी का दर्जा मिलें  और इसका माध्यम उपर से अर्थात संसद में आरक्षण की मांग को पूरा करें, यह कार्य 16 दिसम्बर को निर्भया को श्रद्धान्जलि देते हुए भारत सरकार पूरा करे। स्त्री संस्था ने इस संबंध में राष्ट्रपति को संबोधित करते हुए ज्ञापन प्रेषित करने के लिए राज्यपाल को सौंपेगे।

श्रीमती रेषू भाटिया ने कहाकि वर्तमान समय में केंद्र सरकार व देश की संसद में उच्च पदों पर महिलाएं विराजमान हैं जिसमें यूपीए व देश की सबसे बढी पार्टी  की अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार हैं जबकि विपक्ष की नेता भी महिला श्रीमती सुषमा स्वराज हैं। फिर उन परिसिथतियों में भी महिला आरक्षण बिल को लाने से कौन रोक सकता है। जब अध्यादेश लाकर विभिन्न बिल पारित किये जा सकते हैं तो महिला आरक्षण बिल पारित होने में क्या समस्या है। यदि 16दिसम्बर को बिल पारित नहीं होता है तो आधी आबादी का संघर्ष जारी रहेगा तथा आगामी लोकसभा चुनाव में विरोध करने वाली पार्टियों को आधी आबादी का विरोध झेलना पडेगा , इसका नमूना दिल्ली चुनाव में देखने को मिला । इसके लिए सरकार तैयार रहे।

ब्।च् थ्व्न्छक्।ज्प्व्छ की अध्यक्षा श्रीमती रशिम उपाध्याय ने बताया कि हम सब अर्थात सी0ए0पी0 नामक संस्था जो डा0 राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्व विधालय के छात्रों के द्वारा संचालित है वह स्त्री नाम से महिलाओं के लिए  आन्दोलन चला रही हैं। यह संस्था इस आंदोलन के  तहत  नुक्कण नाटक, मार्च, गोष्ठी आदि  कार्यक्रम कर रही हंै । इस अवसर पर संस्था के सभी पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपसिथत थे। जिसमें मुख्यत श्रीमती डिंपल बोरा , श्रीमती बबिता गुप्ता, श्रीमती सिमरन साहनी, रूबी पाहवा आदि उपसिथत थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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