Categorized | लखनऊ.

बागवान आम की फसल को गुजिया एवं मिज कीट से बचायें

Posted on 11 December 2013 by admin

प्रदेश में आम की गुणवत्तायुक्त एवं अच्छी उत्पादकता सुनिशिचत करने के दृषिटकोण से यह आवश्यक है कि आम की फसल को सम-सामयिक हानिकारक कीटों से बचाने हेतु उचित समय पर प्रबन्धन किया जाये। आम की फसल के लिए माह दिसम्बर अत्यन्त महत्वपूर्ण है, इस माह में गुजिया एवं मिज कीट का प्रकोप प्रारम्भ हो जाता है।
निदेशक, उधान एवं खाध प्रसंस्करण विभाग श्री एस0पी0जोशी ने प्रदेश के बागवानों को यह सलाह दी है। उन्होंने बताया कि गुजिया कीट के शिशु जमीन से निकल कर पेड़ों पर चढ़ते हैं और मुलायम पतितयों, मंजरियों एवं फलों से रस को चूसकर क्षति पहुंचाते हैं। इनके शिशु कीट 1-2 मि0मी0 लम्बे एवं हल्के गुलाबी रंग के चपटे तथा मादा व्यस्क कीट सफेद रंग के पंखहीन एवं चपटे होते हैं। उन्होंने बताया कि इस कीट के नियंत्रण के लिए माह दिसम्बर में आम के पेड़ के मुख्य तने पर भूमि से 50-60 से0मी0 की ऊचार्इ पर 400 गेज की पालीथीन शीट की 50 से0मी0 चौड़ी पटटी को तने के चारों ओर लपेटकर ऊपर व नीचे सुतली से इसे बांध देना चाहिये, जिससे कीट पेड़ों पर न चढ़ सकें।
श्री जोशी ने बताया कि इनके शिशुओं को जमीन पर मारने के लिए दिसम्बर के अनितम या जनवरी के प्रथम सप्ताह से 15-15 दिन के अन्तर पर दो बार क्लोरपाइरीफास (1.5 प्रतिशत) चूर्ण 250 ग्राम प्रति पेड़ के हिसाब से तने के चारों ओर छिड़काव करें। उन्होंने कहा कि रोग के अधिक प्रकोप की सिथति में यदि कीट पेड़ों पर चढ़ जाते हैं तो ऐसी दशा में क्वीनालफास 2.0 मि0ली0 अथवा डायमेथोएट 2.0 मि0ली0 दवा को प्रति ली0 पानी में घोल बनाकर आवश्यकतानुसार छिड़काव करें।
उन्होंने कहा कि आम के बौर में लगने वाले मिज कीट, मंजरियों एवं तुरन्त बने फूलों एवं फलों तथा बाद में मुलायम कोपलों में अण्डे देती है जिसकी सूड़ी अन्दर ही अन्दर खाकर क्षति पहुंचाती है। इस कीट के नियंत्रण के लिए यह आवश्यक है कि बागों की जुतार्इगुड़ार्इ बागवान समय से करें तथा डायमेथोएट 1.5 मि0ली0 दवा प्रति ली0 पानी में घोलकर एक छिड़काव बौर निकलने की अवस्था पर करें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

May 2024
M T W T F S S
« Sep    
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  
-->









 Type in