समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि गन्ना किसानों के नाम पर कांग्रेस, भाजपा, बसपा और रालोद की नौटंकी जगजाहिर हो चुकी है। किसानों की भलार्इ की बात तो इन्होने कभी सोची नहीं, उनकी परेशानियां बढ़ाने में जरूर दिलचस्पी ली है। किसानों के साथ धोखाधड़ी का यह खेल अब किसान भी समझने लगा है। समाजवादी पार्टी सरकार ने किसानों के हित में जो सख्त कदम उठाए उससे प्रदेश की लगभग 100 मिलें चालू हो गर्इ है। सरकार ने यह भी सुनिशिचत कर दिया है कि जब तक किसान के खेत में गन्ना रहेगा, पेरार्इ बंद नहीं होगी।
मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव गन्ना किसानों के हालात को समझते हुए स्वयं केन्द्रीय कृषिमंत्री श्री शरद पवार द्वारा बुलार्इ गर्इ बैठक में शामिल होने दिल्ली गए थे और उन्होने गन्ना किसानों के लिए विशेष पैकेज की मांग की। उन्होने इस बात पर जोर दिया कि केन्द्र सरकार केवल चीनी मिल मालिकों की समस्याओं पर ही विचार किए जाने तक सीमित न रहे बलिक किसानों के हितों को सर्वोपरि रखे। मुख्यमंत्री जी के आकंलन के अनुसार प्रदेश को गन्ना किसानों के बकाया भुगतान के लिए 2 हजार करोड़ रूपए से ज्यादा व्याज मुफत कर्ज मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव स्वयं किसान परिवार से हैं और उनके दु:खदर्द को भलीभांति समझते हैं यह सरकार किसानों की है।
लेकिन केन्द्र सरकार का ध्यान चीनी मिल मालिकों की तरफ ज्यादा है। केन्द्र सरकार की सिफारिश पर बैंक चीनी उधोग को 12 प्रतिशत व्याज दर पर कर्ज देना और 2 साल तक उस पर व्याज देय नहीं होगा। केन्द्र सरकार ने जिस तरह से गन्ना किसानों के मामले में लेटलतीफी दिखार्इ है वह गन्ना किसान और चीनी उधोग दोनों को बर्बादी के कगार तक पहुचाने के बाद दी गर्इ मदद है।
यह आश्चर्य की बात है कि जो दल उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों के हितैषी बनकर आज घडि़याली आंसू बहा रहे है वे केन्द्र की सरकार में रहते हुए मौन साधे रहते हैं। उन्होने कभी प्रदेश के विकास की चिन्ता नहीं की। समाजवादी पार्टी ने बराबर किसानों का हित चिन्तन किया है। कमीशन के लिए बसपा ने सरकार में रहते हुए दर्जनों चीनी मिले बेंच दी थी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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