प्रदेशश्सरकार महिलाओं का उत्पीड़न रोकने तथा उनको उनका हक दिलाने के लिये कृत संकल्प है। राज्य महिला आयोग महिलाओं को त्वरित न्याय दिलाने के लिये उनके द्वार जाकर आयोग में लम्बे समय से लमिबत शिकायतों का संज्ञान लेकर निस्तारित कर रहा है। विभागों द्वारा भेजी जाने वाली निस्तारण आख्या पर संबंधित आवेदिका से सत्यापन किया जा रहा है, ताकि पीडि़ता को तत्काल राहत महसूस हो। राज्य महिला आयोग महिलाओं के प्रकरण में काफी गभ्भीर है। शिकायती पत्रों के निस्तारण में विलम्ब करने वाले अधिकारियोंकर्मचारियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही अमल में लायी जा रही है।
उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य अर्चना राठौर ने में जनपद में लमिबत 17 प्रकरणों की समीक्षा करते हुए जन सुनवार्इ के दौरान कहा कि यधपि जनपद के अधिकांश प्रकरण निस्ताारित कर दिये गये हैं, परन्तु 14 प्रकरणों पर पुलिस विभाग ने कार्यवाही तो की परन्तु आयोग को रिपोर्ट नहीं भेजी है। श्ेाष 03 की रिपोर्ट आयोग में प्राप्त हुर्इ थी। जिस पर आज शिकायतकर्ताओं को बुलाकर यदि शिकायतकर्ता संतुष्ट नहीं है तो पुन: जाँच कराने के आदेश दे दिये गये हैं। राज्य महिला आयोग ने निशा चौहान की भूमि पर जबरन कब्जा करने की शिकायत पर उप जिलाधिकारीक्षेत्राधिकारी से कहा कि वह राजस्व पुलिस की संयुक्त टीम बनाकर समस्या का तत्काल समाधान करायें। उन्होंने रिचा आर्य, बृजरानी,माया देवी धानुक,अनीता के आवेदनों पर की गर्इ प्रभावी कार्यवाही पर सन्तोष व्यक्त किया है। सभी लमिबत प्रकरणो की गहनता से समीक्षा करते हुए कहा कि महिलाओं के प्रकरण में पुलिस तत्परता से कार्यवाही करें ताकि पीडि़ता को महिला आयोग के चक्कर न लगाने पड़े। उन्होने कहा कि आयोग में वही अधिकारी आये जिसे उस प्रकरण के संबंध में पूर्ण जानकारी हो।
जन सुनवार्इ के दौरान क्षेत्राधिकारी नगर भूपेन्द्र पाल सिंह, जिला प्रोवेशन अधिकारी राम नरेश वर्मा, एस.एचओ कोतवाली राजकुमार शर्मा, बाल संरक्षण समिति की अर्चना मिश्र आदि उपसिथत थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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