सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में पशुओं में होने वाली बीमारियों की सूचना को त्वरित गति से पशुपालन विभाग को पहुंचाया जा सके, जिससे भविष्य में होने वाली सम्भावित बीमारियों को समय से नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाया जाय। इसके लिए ‘नेशनल एनीमल डिजीज रिपोर्टिंग सिस्टम का एक दिवसीय प्रशिक्षण विभागीय अधिकारियों को दिया गया।
आज इस प्रशिक्षण में पशुपालन निदेशालय के सभागार में निदेशक, पशुपालन विभाग डा0 रूद्र प्रताप की अध्यक्षता में मुख्य पशु चिकित्साधिकारियों एवं पशु चिकित्साधिकारियों को इस सिस्टम को इन्टरनेट से संचालित करने की जानकारी दी गयी। डा0 प्रताप ने बताया कि यह योजना भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित है तथा उत्तर प्रदेश सहित भारत के समस्त प्रान्तों में संचालित है। उन्होंने कहा कि इससे प्रान्त एवं देश के किसी भी हिस्से में पशुओं में होने वाली बीमारियों की सूचना को इन्टरनेट के माध्यम से तत्काल संचारित करके रोग के प्रकोप के नियंत्रण एवं अनुश्रवण करने में विभाग सक्षम हो सकेगा। उन्हाेंने कहा कि इससे रोग नियंत्रण संबंधी दिशा-निर्देश रोग प्रभावित विकास खण्ड, जनपद एवं मण्डलीय अधिकारियों को र्इ-मेल के माध्यम से तत्काल भेजा जा सकेगा।
डा0 प्रताप ने बताया कि इस डाटा की एनालिसिस से बीमारी होने की सम्भावना एवं आर्थिक क्षति का आकलन समय से हो सकेगा, तथा रोगा की भयावता को कम करने में मदद मिलेगी। इसी प्रकार जिन जनपदों में बीमारी का व्यापक प्रभाव होगा उसका भी समय से आकलन करके इसके नियंत्रण संबंधी कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से चलाकर पशुक्षति को रोकने में मदद मिलेगी, तथा पशुपालकों की आर्थिक सिथति में सुधार होगा और उनका सामाजिक स्तर भी ऊंचा होगा।
कार्यक्रम में संयुक्त निदेशक (रोग नियंत्रक) डा0 हरदेव सिंह, एन0आर्इ0सी0 के डा0 जी0पी0सिंह, उप निदेशक डा0 वी0के0सिंह के साथ-साथ विभाग के अन्य अधिकारी उपसिथत थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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