उत्तर प्रदेश के अवस्थापना एवं औधोगिक विकास आयुक्त श्री आलोक रंजन ने आज कुशीनगर अन्तर्राष्ट्रीय हवार्इ अडडा परियोजना के लिए अनुरोध प्रस्ताव (रिक्वेस्ट फार प्रपोजल) बिड डाक्युमेंट को अनुमोदित कर दिया है। उन्होंने पर्यटन विभाग को निर्देश दिया है कि कार्यारम्भ पूर्व की समस्त औपचारिकताएं 15 दिसम्बर तक पूरी कर ली जाएं।
श्री आलोक रंजन ने यह निर्णय आज अपने कार्यालय कक्ष में कुशीनगर अन्तर्राष्ट्रीय हवार्इ अडडा परियोजना को गति देने के लिए पर्यटन एवं कंसल्टेंट आर्इ0एल0एण्ड एफ0एस0 तथा वित्त विभाग के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर रहे थे। श्री आलोक रंजन ने कहा कि यह परियोजना साकार होने पर पूर्वी उत्तर प्रदेश में पर्यटन एवं वाणिजियक गतिविधियों में पंख लग जाएंगे। उन्होंने कहा कि संतुलित क्षेत्रीय विकास सुनिशिचत करने के लिए आवश्यक है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के इस महत्वपूर्ण अन्तर्राष्ट्रीय हवार्इ अडडे की परियोजना को तेजी से अमल में लाया जाए। उन्होंने विचारार्थ प्रस्तुत किए गए फिजिबिल्टी रिपोर्ट और रियायत-सहमति को भी विचारोपरान्त उपयुक्त पाए जाने पर अनुमोदित किया।
उल्लेखनीय है कि कुशीनगर में अंतर्राष्ट्रीय हवार्इ अडडा न होने के कारण बौद्ध पर्यटकों को दूरस्थ हवार्इ अडडों का अवलम्बन लेना पड़ता है और इस कारण इस क्षेत्र में पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि नहीं हो पा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस कठिनार्इ को दूर करने के लिए कुशीनगर सिथत हवार्इ अडडे का विस्तार कर वहां 3200 मीटर लम्बे रनवे के निर्माण का निर्णय लिया है और इस तरह बौद्ध परिपथ में यह सबसे बड़ा रनवे होगा, जिसके कारण इस हवार्इ अडडे में जापान, कोरिया, यूरोप इत्यादि जगहों से सीधी उड़ानें आ सकेंगी। इसपर 354.78 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
पर्यटन विभाग द्वारा कराए गए अध्ययन के अनुसार इस अंतर्राष्ट्रीय हवार्इ अडडे के निर्माण के बाद 7 बौद्ध देशों-थार्इलैण्ड, श्रीलंका, जापान, साउथ कोरिया, वियतनाम, म्यांमार और तार्इवान से 3,15,000 पर्यटकों के प्रतिवर्ष अकेले कुशीनगर आने का आंकलन किया गया है। इतनी बड़ी संख्या में इस क्षेत्र में पर्यटकों के आने से हासिपटैलिटी, ट्रान्सपोर्ट उधोग सहित तमाम स्थानीय उधोगों के विकास के कारण बड़ी संख्या में रोजगार नवयुवकों और दक्ष कारीगरों को प्राप्त होगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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