उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री मोहम्मद आज़म खाँ ने नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायताें का आहवान किया है कि वे जाति, धर्म, वर्ग, सम्प्रदाय जैसी भावनाओं से उठकर समाज के हर वर्ग के लिये, प्रदेश के लिये और मुल्क के लिये सोचें और उनके लिये पूरी जिम्मेदारी और निष्ठा के साथ काम करें। उन्होंने कहा कि लोग उन (आज़म खाँ) पर तरह-तरह के आरोप लगाते हैं, लेकिन उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों से कभी भी मुंह नहीं मोड़ा और सभी के लिये निष्पक्ष होकर काम किया। श्री आज़म खाँ आज यहाँ इनिदरा गाँधी प्रतिष्ठान में क्षेत्रीय नगर एवं पर्यावरण अध्ययन संस्थान एवं स्थानीय निकाय निदेशालय, उ0प्र0 द्वारा प्रदेश की नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों के अध्यक्षों के सम्मेलन को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उन्होंने सभी स्थानीय निकायों को किसी पक्षपात के बिना विभिन्न योजनाओं व कार्यक्रमों के तहत धन उपलब्ध कराया है। उन्होंने कहा कि स्थानीय निकायों के दायित्वों में काफी इजाफा हो रहा है जिसकी वजह से जलापूर्ति, स्वच्छता, कूड़ा प्रबंधन, जल निकासी, सड़क, परिवहन, पर्यावरण संरक्षण जैसी सेवाओं में निरंतर सुधार की आवश्यकता महसूस की जा रही है। स्थानीय निकायों को इन बढ़ती हुयी आवश्यकताओं के अनुरूप कार्य करना होगा। इन कायार्ें के लिए धन की कोर्इ कमी आड़े आने नहीं दी जायेगी।
श्री आज़म खाँ ने स्वयं पर लगाये जा रहे आरोपों का जिक्र करते हुये कहा कि वे अपने ऊपर हर पत्थर सहने को तैयार हैं लेकिन वे कभी भी सच को झूठ और झूठ को सच नहीं कहेंगे। उन्होंने कहा कि आज हम जिस दौर से गुजर रहे हैं उसमें यह जरूरी है कि हर किसी को अच्छे-बुरे की पहचान होनी चाहिये, तभी हम बेहतर ढंग से काम कर सकेंगे।
स्थानीय निकायों में अधिशासी अधिकारियों की कमी का जिक्र करते हुये नगर विकास मंत्री ने कहा कि इन अधिकारियों की नियुकित संबंधी प्रक्रिया पर शीघ्र ही निर्णय लेकर इनकी कमी को पूरा किया जायेगा। उन्होंने कहा कि जिन स्थानीय निकायों में सफार्इ कर्मचारियों की कमी है वे अपना प्रस्ताव शासन को भेजें ताकि उन्हें सफार्इ कर्मचारी रखने की अनुमति दे दी जाये। उन्होंने अध्यक्षों से कहा कि स्थानीय निकाय द्वारा कराये जा रहे निर्माण कायोर्ं पर स्वयं भी पैनी नजर रखें ताकि इन निर्माण कायोर्ं की गुणवत्ता बनी रहे और कारामद साबित हों। उन्होंने सड़कों के किनारों और फुटपाथों की लैण्ड स्केपिंग कराये जाने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि फुटपाथों पर इण्टर लाकिंग टाइल्स पुख़्ता ठंग से लगार्इ जायें। उन्होंने अतिक्रमण पर भी सख्ती किये जाने की बात अध्यक्षों से कही और साथ ही सड़क के किनारे व फुटपाथों पर कारोबार करने वाले गरीब खोखे वालों के लिये स्थानीय निकाय की जमीन पर स्थायी दुकानें बनाये जाने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि वे लोग अपनी रोजी-रोटी कमाते रहें। उन्होंने कहा कि हर स्थानीय निकाय अपने शहर में चौराहा चुनकर उसका सौन्दर्यीकरण कराये जाने का प्रस्ताव भेजें। इस कार्य के लिये उन्हें जल निगम से पाँच लाख रुपये तक की धनराशि दिलायी जायेगी। उन्होंने सालिड वेस्ट मैनेजमेंट, कूड़े से बिजली बनाये जाने की परियोजनाओं और कामर्शियल काम्लेक्स जैसी योजनाओं की ओर भी अध्यक्षों का ध्यानाकर्षण किया।
अध्यक्षों द्वारा धन की कमी के कारण सफार्इ कर्मियों को कर्इ महीनों से वेतन न दिये जाने की बात पर श्री आज़म खाँ ने कहा कि यह बड़ी शर्म की बात है कि अधिकारियों को नियमित रूप से मिलता रहे और गरीब सफार्इ कर्मी को कर्इ महीनों तक वेतन से वंचित रखा जाये, यह बात अच्छी नहीं है। इस ओर संबंधित अधिकारियों को तत्काल ध्यान देकर इस समस्या को हल करना चाहिये। अध्यक्षों के महासंघ द्वारा प्रस्तुत मांगों के सम्बन्ध में नगर विकास मंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये नगर विकास एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री श्री चितरंजन स्वरूप ने कहा कि प्रदेश सरकार शहरी गरीबों विशेषकर अल्पसंख्यक गरीबों के उत्थान एवं उनकी वर्तमान सिथति में सुधार हेतु कर्इ योजनाएँ यथा-सामाजिक सुरक्षा योजना, आसरा योजना, अल्पसंख्यक बाहुल्य, मलिन बस्ती योजना, रिक्शा योजना आदि चला रही है। इन योजनाओं का उद्देश्य शहरी गरीबों की सिथति में गुणात्मक सुधार लाना है। शहरी गरीबों की सिथति में अपेक्षित सुधार राज्य सरकार की योजनाओं से पूर्ण रूप से तभी सम्भव है, जब इस दिशा में सभी स्थानीय निकायों का सक्रिय सहयोग प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन के आयोजन का एक उद्देश्य यह भी है कि हम सभी मिलकर प्रदेश के शहरी परिदृश्य को एक नर्इ दिशा दें। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि शहरों के विकास की दिशा में शासन के प्रयासों में सभी स्थानीय निकायों का सक्रिय सहयोग प्राप्त होगा।
नगर विकास विभाग के विशेष सचिव श्री एस0पी0 सिंह ने मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर सचिव श्रीमती अनिता मेश्राम, निदेशक सूडा, निदेशक स्थानीय निकाय, रीजनल रिसर्च सेंटर के श्री निथीश राय व अन्य अधिकारी मौजूद थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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