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कोलाज एवं कोरियोग्राफी प्रतियोगिताओं द्वारा वसुधा के अलौकिक सौंदर्य को दर्शाया देश-विदेश के प्रतिभागी छात्रों ने

Posted on 12 November 2013 by admin

सी.एम.एस. कानपुर रोड आडिटोरियम में आयोजित हो रहे चार दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय भूगोल ओलमिपयाड ‘जियोफेस्ट इण्टरनेशनल-2013 के तीसरे दिन आज देश-विदेश से पधारे प्रतिभागी छात्रों ने प्रकृति प्रदत्त धरती के अनुपम सौंदर्य का बखान कर प्राकृतिक संसाधनों के संवर्धन का अभूतपूर्व संदेश दिया। ”जियोफेस्ट इण्टरनेशनल-2013 में प्रतिभाग कर रहे रूस, मारीशस व देश के कोने-कोने से पधारे छात्रों में विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग हेतु होड़ लगी रही और छात्रों ने अपने ज्ञान-विज्ञान का जमकर प्रदर्शन किया। इस भूगोल आलेमिपयाड के माध्यम से देश-विदेश के प्रतिभागी छात्रों ने दिखा दिया कि यह केवल भूगोल की प्रतियोगिता ही नहीं है अपितु एकता की वह कड़ी है जो विभिन्न देशों की संस्कृतियों को एक मंच पर आने का सुअवसर उपलब्ध करा रही है और भौगोलिक व सियासती सरहदों को पारकर ‘विश्व एकता का परचम सारे विश्व में फहरा रही है। यह ओलमिपयाड देश-विदेश के छात्रों को लखनऊ की संस्कृति व सभ्यता से अवगत कराने का अहम माध्यम बन गया है।
आज के प्रात:कालीन सत्र का शुभारम्भ सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद डा. जगदीश गाँधी द्वारा ‘वर्तमान शिक्षा का उददेश्य विषय पर सारगर्भित उदबोधन से हुआ। डा. गाँधी ने कहा कि दिशाहीन, लक्ष्यविहीन और उदेदश्यहीन शिक्षा ने समाज के किसी भी वर्ग और उनकी संतानों को बरबाद करने में कोर्इ कसर नहीं छोड़ी है। चाहे वह धर्मज्ञ की संतान हो, महान राजनीतिज्ञ की या फिर चाहे किसी विद्वान की संतान हो। आज के युग की उददेश्यहीन शिक्षा ने बिना भेदभाव किये सबको एक तरफ से बरबाद कर दिया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि विश्वव्यापी समस्याओं के समाधान का रास्ता केवल यही है कि बच्चों को संस्कारों, जीवन मूल्यों व चारित्रिक उत्कृष्टता से ओतप्रोत उददेश्यपूर्ण शिक्षा दी जाए जिससे उनमें विश्वव्यापी विचारों का प्रादुर्भाव हो।
जियोफेस्ट इण्टरनेशनल-2013 में तीसरे दिन की प्रतियोगिताओं का सिलसिला आज सीनियर वर्ग की ‘माडल डिस्प्ले प्रतियोगिता से प्रारम्भ हुआ। इस प्रतियोगिता में छात्रों की प्रतिभा देखते ही बनती थी, जिसमें देश-विदेश की 60 प्रतिभागी छात्र टीमों ने ‘मार्इ वे टु हील द इन्जर्ड अर्थ विषय पर अदभुद माडल प्रस्तुत कर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया। इन समाजोपयोग माडलों के माध्यम से देश-विदेश के प्रतिभागी छात्रों ने रचनात्मक बदलाव की अनूठी तस्वीर प्रस्तुत कर गजब की प्रतिभा का प्रदर्शन किया। किसी टीम ने छत एवं छज्जों पर पौघे एवं हरियाली दिखाकर आगाह किया कि यदि प्रदूषण का स्तर ऐसे ही बढ़ता रहा तो हमें छतों पर ही बागवानी करनी पड़ेगी, तो किसी ने दिखाया कि थोड़ी से सावधानी व तत्परता से कैसे इस धरती को सुन्दर बनाया जा सकता है।
इसी प्रकार ‘क्रिएट योर टेस्ट (कोलाज प्रतियोगिता) में भी छात्रों की प्रतिभा देखते ही बनती थी। इस प्रतियोगिता में प्रतिभागी छात्र टीमों ने ‘फाच्यर्ून अण्डर द सी विषय पर भिन्न भिन्न कोलाज बनाकर प्रकृति के रंगों से अपनी आत्मीयता प्रदर्शित की। प्रतियोगिता में देश-विदेश की 65 छात्र टीमों ने प्रतिभाग किया एवं प्रत्येक टीम में दो प्रतिभागी छात्र थे जिन्होंने सूखे पत्ते, रुर्इ, कपड़े के टुकड़े, अण्डे के छिलके, जूट, धातु के तार व कागज के साथ दिये गये विषय पर अत्यन्त आकर्षक एवं विचारों को आन्दोलित करने वाले कोलाज बनाए एवं इन्हों कोलाज के माध्यम से विचारों की अभिव्यकित कर अपनी रचनात्मक व कलात्मक प्रतिभा का भरपूर प्रदर्शन किया। इन प्रतिभागी छात्रो ंने अपने कोलाज को एक उपयुक्त कैप्शन देकर अपनी बात को और अधिक स्पष्ट किया।
वाइस एण्ड विजन (कोरियोग्राफी) प्रतियोगिता आज के आकर्षण प्रतियोगिता रही जिसमें 35 टीमों ने हिस्सा लिया और प्रत्येक टीम में 6 छात्र थे। पांच मिनट की इस कोरियाग्राफी प्रतियोगिता में छात्रों ने अपनी पोशाकों, हाव-भाव एवं प्राप्स के माध्यम से मंत्रमुग्ध करने वाली प्रस्तुति से सभी दर्शकों एवं निर्णायक मण्डल को आश्चर्यचकित कर दिया। इस प्रतियोगिता के माध्यम से छात्रों ने बखूबी अपनी सोच को अभिनय और नृत्य में ढाला और दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह प्रतियोगिता ‘सेलिब्रेटिंग द ज्वाएस आफ हार्वेसिटंग विषय पर आधारित थी। इस प्रतियोगिता में प्रतिभागियों की कलात्मक क्षमता, नृत्य तथा संगीत का अदभुद संयोजन एवं रंग-बिरंगे परिधान लोगों के आकर्षण का केन्द्र रहे।
सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि आज नेशनल जियोग्राफी  प्रतियोगिता का तृतीय राउण्ड भी आयोजित हुआ। इस प्रतियोगिता को  कर्इ स्तरों पर आयोजित किया जाता है और अन्त में तीन सर्वश्रेष्ठ छात्रों को चुनकर अन्तर्राष्ट्रीय भूगोल ओलमिपयाड में प्रतिभाग हेतु विदेश भेजा जाता है। श्री शर्मा ने बताया कि यह अन्तर्राष्ट्रीय भूगोल ओलमिपयाड बड़ी ही सफलतापूर्वक अपने समापन की ओर बढ़ रहा है। कल, 12 नवम्बर को अपरान्ह: 4.00 बजे जियोफेस्ट इण्टरनेशनल-2013 का भव्य पुरस्कार वितरण एवं समापन समारोह आयोजित होगा जिसमें देश-विदेश के विजयी छात्रों को पुरष्कृत कर सम्मानित किया जायेगा। इस अवसर पर विधालय के छात्र रंगारंग शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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