समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री श्री राजेन्द्र चौधरी ने बताया है कि मंहगार्इ, भ्रष्टाचार और विषमता से त्रस्त जनता अब कांग्रेस और भाजपा दोनों से अपनी मुकित चाहती है। दोनों केन्द्र की सत्ता में रहकर केवल अपने राजनीतिक स्वार्थ ही साधते रहे हैं। इन्हें गाव, गरीब, किसान, मुसलमान और नौजवान की कोर्इ चिंता नहीं है। ये दोनों दल बस पूंजीघरानों के हितोें की रक्षा की राजनीति करते आए हंैं। इस वजह सेे आम आदमी की थाली से एक-एक कर दाल और सब्जी कम होते जा रहे हैं। कुपोषण से 02 लाख से ज्यादा मौते हो चुकी है। एक बड़ी आबादी एक वक्त भूखे सोने को बाध्य है। जनता को बरगलाने के लिए बड़ी-बड़ी योजनाओं का ढोल पीटने वालों की कलर्इ अब खुल चुकी है।
बिडम्बना है कि लोकसभा के चुनावों की बेला में कांगे्रस और भाजपा के नेता देष के समक्ष उत्पन्न गंभीर बुनियादी समस्याओं की चर्चा करने के बजाए आरोप-प्रत्यारोप और हवार्इ सपने दिखाने में लगे हैं। आतंकवाद, मंहगार्इ, गरीबी, चीन और पाकिस्तान की सीमा पर अतिक्रमण की कार्यवाहिया इन सबके बारे में गंभीर चर्चा कहीं सुनार्इ नहीं पड़ रही है। कांगे्रस यथासिथतिवादी हैै और आज उसकी नीतियों के चलते ही देष तबाही के कगार पर है। केन्द्र प्रदेश के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है। भाजपा सांप्रदायिकता का सहारा लेकर दिल्ली की कुर्सी हथियाना चाहती है। यह पार्टी गुजरात के कत्ले आम की कहानी पूरे भारत में दोहराने पर उतारू है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव ने जनता को दोनों दलों कांगे्रस और भाजपा की साजिशों के बारे में आगाह किया है। दोनों की नीतियों से देश तबाह हुआ है। इनसे पिंड छुडाकर अब जनता नया राजनीतिक विकल्प खोज रही हेै। कर्इ प्रदेशों में क्षेत्रीय दलों का ही वर्चस्व है और उनको जोड़कर बनने वाले तीसरी ताकत पर ही आशांए टिकी हैं। इस विकल्प में सबसे सशक्त दल समाजवादी पार्टी है जिसकी अगले लोकसभा चुनावों में निर्णायक भूमिका होगी। केन्द्र में कोर्इ भी सरकार बिना समाजवादी पार्टी के सहयोग के नहीं बन सकेगी।
समाजवादी पार्टी की नीतिया स्पष्ट हैं। श्री मुलायम सिंह यादव ने देष में सांप्रदायिकता के खतरे को भांपकर सबसे पहले इसके खिलाफ जंग छेड़ी थी। उनके कठिन संघर्ष के फलस्वरूप ही भाजपा प्रदेश और केन्द्र में सत्ता से बाहर हुर्इ है। देश का मुसिलम ही नहीं समाज का हर वर्ग उनके नेतृत्व पर भरोसा करता है। उन्होंने राजनीतिक विकल्प को मजबूती देने और कांगे्रस-भाजपा को शिकस्त देने का जनता से आव्हान किया है। आजमगढ़ और मैनपुरी की विराट जनसभाओं के आगे कांगे्रस और भाजपा की रैलिया फीकी पड़ चुकी हैं। आम जनता जानती है कि समाजवादी पार्टी की कथनी-करनी एक है और प्रदेश में श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में बनी समाजवादी पार्टी सरकार ने पांच साल के चुनावी वायदों में अधिकाशं डेढ़ वर्ष के अंदर ही पूरे कर एक नर्इ मिसाल कायम की है। हिन्दुस्तान की हिन्दू-मुसिलम एकता और गंगा- जमुनी संस्कृति को बचाने और धर्मनिरपेक्षता को ताकत देने का काम समाजवादी पार्टी करने के लिए संकलिपत हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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