पैगम्बरे इस्लाम मुहम्मद साहब के आने से पहले इस दुनिया में अनेकों नबी आ चुके थे किन्तु अपनी जिन्दगी के चालीस साल खामोशी से गुजार देने के बाद अल्लाह की कुरबत से नबी ने जो इस्लाम का जो पैगाम दिया वह आने वाली नस्लों के लिए कयामत तक कायम रहेगा। उक्त अल्फ़ाज मोहल्ला मालवीय नगर के स्वर्गीय सैयद गजनफर हुसैन रिजवी इमामबाड़ें में दूसरी मजलिस को खेताब करते हुए बहराइच से तशरीफ लाये जनाब सैयद सगीर आबिद रिजवी एडवोकेट ने फरमाया । जनाब आबिद ने बयान किया कि पैगम्बरे इस्लाम हजरत मुहम्मद साहब अल्लाह के सबसे कीमती और बेहतरीन नूर है। उनके पहले इस धरती पर कर्इ नबी आ चुके थे लेकिन अपना कीमती पैगाम कीमती नबी के हाथ भेजना अल्लाह का मकसद था। पैगम्बरे इस्लाम इस दुनिया का इल्म पढ़ने के लिए नही आये थे। अल्लाह ने उन्हे यहां आने से पहले ही जो इल्म पढ़ा दिया था, उसकी रोशनी आने वाली नस्लों को कयामत तक कायम रहेगी। पैगम्बरे इस्लाम ने अपने घर व बाहर जिन्दगी के हर लम्हें को इस्लाम की रोशनी में जिया और इंसान को दौलत के पीछे भागने के लिए नही बलिक अपने कैरेक्टर को सुधारने का बेहतरीन नसीहत पेश किया । पैगम्बरे इस्लाम मुहम्मद साहब और हजरत हुसैन का रिश्ता इंसानी नही था, एक ने दुनिया में इस्लाम और नमाज को फैलाया तो दूसरे ने कयामत तक नमाज को महफूज बनाया। करबला का जिक्र करते हुए श्री आबिद ने कहा कि भार्इ का रिश्ता बहुत महान होता है, इस रिस्ते की शान हजरते जैनब सलामुल्लाह अलैहा ने कर्बला में रखकर रिश्ते के वकार को बढ़ाया। हजरत अब्बास ने कर्बला में हजरते हुसैन का ऐसा भार्इ बनकर दिखाया जिसकी मिसाल तारीख में नही मिलती। उन्होने करबला के मैदान में पहले अब्बास की कुर्बानी और हुसैन की शहादत का ऐसे लब्जों में बयान किया कि मजलिस में मौजूद लोग गमगीन हो गये और आहे भरने लगे।
इसके पहले मजलिस में सफदर हुसैन एडवोकेट व कासिम अब्बास ने सलाम पेश किया। मजलिस के बाद नोहा ओर मौजूद लोगो ने मातम किया। इस मौके पर अलीगढ विश्वविधालय के पूर्व विभागाध्यक्ष शिया थेयालोजी मौलाना मन्जूर मोहसिन रिजवी, आबिद रिजवी एडवोकेट, मुन्ने भार्इ, सफदर हुसैन एडवोकेट, अजीम जाफरी एडवोकेट, इरशाद हुसैन रिजवी एडवोकेट, तौकीर हसन, सैयद जाफर हुसैन रिजवी, काजिम हुसैन रिजवी, डा0 वसी हैदर रिजवी, हाजी सैयद रजा हुसैन रिजवी, मोहसिन एडवोकेट, मोजिज पत्रकार, अफजल, रूमी, नजफ, जुलिफकार, पप्पू, शंहसाह, डा. आजम आब्दी, बाबू एवं विजयंत सिंह, अरुण पाण्डेय, आर.जे. शुक्ल वरिष्ठ पत्रकार सहित भारी तादात में लोग मौजूद रहे।
कैप्सन-मोहल्ला मालवीय नगर सिथत हाजी स्व0 गजन्फर हुसैन रिजवी के इमामबाडे में मजलिस को खिताब करते मौलाना आबिद रिजवी व मजलिस में उपसिथत लोग
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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