Ñषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक रंजन ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अनुरक्षण कार्यो को समय के साथ गुणवत्ता से पूर्ण न करने वाले ठेकेदारों पर जुर्माना लगाने का निर्देश देते हुए कहा है कि ऐसे ठेकेदारों को डिबार और ब्लैकलिस्ट किए जाने की कार्रवार्इ भी की जाय। उन्होने कहा कि दणिडत ठेकेदार मैन्यूपुलेशन करके निविदा प्रक्रिया में भाग न लें पायें इसके लिए कार्यदायी संस्थाएं यथासंभव कार्रवार्इ करें। उन्होने निर्देश दिया कि निर्धारित लक्ष्य पाने के लिए प्रत्येक माह ग्राम्य विकास विभाग लगभग 300 करोड़ रूपये का व्यय ग्रामीण सड़कों के निर्माण पर सुनिशिचत करें।
Ñषि उत्पादन आयुक्त आज यहां प्रधानमंत्री ग्राम समाज योजना की राज्य स्तरीय स्थायी समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होने प्रधानमंत्री ग्राम सड़कों के निर्माण व अनुरक्षण में गुणवत्ता सुनिशिचत करने और समयबद्धता का पालन कराये जाने के कड़े निर्देश देते हुए कहा कि यदि कार्यदायी संस्थाओं द्वारा यह पाया जाता है कि ठेकेदार ने किसी विशिष्ट अवधि में अनुरक्षण का कार्य नहीं किया है तो उस विशिष्ट अवधि में खर्च किए जाने के लिए दी गर्इ धनराशि अगले वित्तीय वर्ष में ठेकेदार को देय नहीं होगी, क्योंकि अनुरक्षण का कार्य एक समयबद्ध और नियमित काम है। उन्होने कहा कि कार्यदायी संस्थाएं सुनिशिचत करायें कि अनुरक्षण के समस्त कार्य निर्धारित मानकों के अनुसार कराये जायें ताकि सड़कें आम आदमी को सरकार द्वारा निर्धारित समय-सीमा तक सुचारू परिवहन के लिए उपलब्ध रहें।
श्री आलोक रंजन ने डिसिट्रक्ट रूरल रोड प्लान तथा काम्प्रेहेन्सव अपग्रेडेशन कम कन्सालिडेशन प्रायारिटी लिस्ट और उसके आधार पर तैयार किए गये परियोजना प्रस्तावों को अनुमोदित करते हुए समस्त ब्यौरा भारत सरकार की स्वीÑति पाने हेतु भेजने के निर्देश दिए। उन्होने लोक निर्माण विभाग के लिए 1618.76 कि0मी0 तथा ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के लिए 1488.15 कि0मी0 के जनपदवार प्रस्तावों पर अनुमोदन प्रदान किया। इसके साथ ही निर्देश दिया कि शेष 23 जनपदों में से लोक निर्माण विभाग 15 जनपदों में और ग्रामीण अभियंत्रण विभाग 8 जनपदों के प्रस्ताव बिना विलम्ब तैयार कर अनुमोदनार्थ प्रस्तुत करे।
बैठक में ग्राम विकास आयुक्त के0 रवीन्द्र नायक ने अवगत कराया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत फेज -8 तक के अपूर्ण एवं निर्माणाधीन कार्यो को पूरा कराने के निर्देश दिए गये हैं। वर्तमान में 49 कार्य अभी पूर्ण किए जाने शेष हैं, जिनमें लोक निर्माण विभाग के 20 कार्य, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के 19 कार्य, टी0सी0आर्इ0एल0 एवं एन0पी0सी0सी0 के 5-5 कार्य समिमलित हैं। इन सभी अपूर्ण कार्यो को अगले महीने तक पूरा करने के निर्देश दिए गये हैं। उन्होने बताया कि फेज-9 में 189 तथा फेज 10 में 1046 कार्य कुल 1235 कार्यो को स्वीÑत किया गया था, जिनमें से 24 के निरस्त हो जाने के बाद अब 1211 कार्यो पर अनुबन्ध किए जाने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होने कहा कि यह कार्यवाही अगले महीने दिसम्बर तक पूरी कर ली जायेगी।
श्री नायक ने बताया कि वर्तमान में लगभग 3500 करोड़ रूपये के कार्य स्वीÑत हैं, जिनको पूरा कराने के लिए अधिशाषी अभियंता स्तर के 107 पी0.आर्इ.यू. गठित कर काम पर लगाये गये हैं। उन्होने सूचित किया कि इसी वित्तीय वर्ष में पी0एम0जी0एस0वार्इ-2 के अन्तर्गत 2500 करोड़ रूपये के कार्यो के स्वीÑत होने की संभावना है, इसलिए प्रत्येक पी0आर्इ0यू0 को निर्देश दिया है कि वह प्रतिमाह 2.5 से 3 करोड़ रूपये का कार्य पूरा कराये।
बैठक में प्रमुख सचिव ग्राम विकास, स्थायी समिति के सदस्य एवं कार्यदायी संस्थाओं के प्रबन्ध निदेशक उपसिथत थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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