भाजपा के एक प्रदेश स्तरीय पदाधिकारी ने अपना नाम गुप्त रखते हुये कहाकि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश संगठन के साथ-साथ राष्ट्रीय संगठन में सामाजिक न्याय व सोशल इंजीनियरिंग दूर-दूर तक दिखार्इ नहीं दे रहा है। राष्ट्रीय संगठन में मात्र रामेश्वर चौरसिया को अतिपिछड़े वर्ग से राष्ट्रीय सचिव बनाया गया है। प्रदेश संगठन की 25 सदस्यीय पदाधिकारियों की सूची में अतिपिछड़े वर्ग के एक ऐसी नेत्री को उपाध्यक्ष बनाया गया है जिसका कोर्इ सामाजिक व राजनैतिक पहचान व गतिविधियाँ नहीं हैं। अतिपिछड़े वर्ग के लोगों को मात्र मोहरे के तौर पर और विशेष रूप से प्रकोष्ठों व मोर्चो में ही समायोजित किया जाता है।
उ0प्र0 भाजपा के प्रदेश संगठन में संविधान के अनुसार 27 पदाधिकारी होने चाहिए, परन्तु अभी 25 सदस्यीय जो कमेटी बनायी गयी है, उसमें ब्राह्राण-06, वैश्य-05, राजपूत व दलित-04-04, गुजर, लोधी, निषाद, त्यागी-01-01 तथा कुर्मी जाति के 02 लोगो को प्रदेश की टीम में रखा गया। प्रदेश अध्यक्ष के साथ-साथ चुनाव प्रबन्धन समिति का भी अध्यक्ष ब्राह्राण को ही बनाया गया है। पार्टी प्रवक्ता और मीडिया प्रभारियों में 05 ब्राह्राण व 01 मात्र राजपूत को स्थान दिया गया है। यदि वाध्यता न होती तो सामाजिक न्याय मोर्चा, मछुवारा प्रकोष्ठ, अनुसूचित जाति व जनजाति मोर्चा का भी अध्यक्ष, महासचिव आदि ब्राह्राण को ही बना दिया जाता।
भाजपा सामाजिक न्याय व सोशल इंजीनियरिंग पर ज्यादा जोर देती है, परन्तु संगठन में इस ओर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जो पिछड़ा सक्रियता व तेजी दिखाता है, उसे दरकिनार करने का षड़यंत्र शुरू हो जाता है। सपा का आधार वोट यादव व बसपा का चमारजटव है, परन्तु भाजपा का वर्तमान में कोर्इ आधार वोट नहीं है। आधार वोट बन सकता है तो 37-38 प्रतिशत आबादी वाला अतिपिछड़ा परन्तु आवश्यकता इस बात की है, अतिपिछड़े वर्ग के तेज तर्रार, प्रभावी व विषयगत जानकारी रखने वाले लोगो को मुखर नेतृत्व करने के लिए आगे किया जाये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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