समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव ने आज यहां कहा कि मुजफफरनगर की घटना गम्भीर है। जो लोग आपस में अलगाव पैदा करने और वैमनस्य फैलाने की कोशिशों में लगे हैं, उन्हें अपने मंसूबों में सफल नही होने दिया जाएगा। सांप्रदायिक ताकतों से ज्यादा शकित सरकार में होती है। किसी पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होने कहा मुसलमानो की हालत सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक दलितों से भी ज्यादा खराब हैं। शिक्षा,नौकरी, राजनीति सभी क्षेत्रों में वे उपेक्षित है। हम इसीलिए उनके साथ खड़े हैं ताकि समाज में सामंजस्य रहे और कोर्इ उत्पीड़न का शिकार न हो। हम उनके साथ किसी भी स्तर पर अत्याचार या भेदभाव बर्दाश्त नहीं करेगें।
श्री यादव मुख्यालय, लखनऊ में आचार्य नरेन्द्र देव तथा सरदार बल्लभ भार्इ पटेल की जयंती पर आयोजित समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। समारोह में सर्वश्री भगवती सिंह, राम गोविन्द चौधरी ,डा0 अशोक बाजपेयी, के0विक्रमराव, डा0 मधु गुप्ता, निशीथ राय, सुनील यादव ने भी अपने विचार रखें। संचालन प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी ने किया।
श्री मुलायम सिंह यादव ने कहा कि मुसिलमो को हो रही दिक्कतों के मददेनजर समाजवादी पार्टी सरकार ने उनकी बेटियों की पढ़ार्इ और शादी के लिए 30 हजार रूपए का अनुदान और मुजफफरनगर घटना के शिकार विस्थापित मुसिलमो को घर बनाने के लिए 5-5 लाख रूपए की सहायता दी है। पीडि़तों को 90 करोड़ की सहायता दी जा रही है।
श्री मुलायम सिंह यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक सदभाव को बिगाड़ने की कोशिशें लम्बे समय से चल रही है। मंदिर मसिजद विवाद के पीछे समाज के बंटवारे की साजिश थी। शिलान्यास करके विवाद को भड़काया गया। बाबरी मसिजद को हमने टूटने से बचाया और मजबूरन गोली चलानी पड़ी। अभी 84 कोसी परिक्रमा के बहाने लोगों को साधू वेष में अयोध्या लाने की साजिश हुर्इ। उन्होने कहा कि हम सांप्रदायिकता के खिलाफ पुरजोर लड़ार्इ अकेले ही लडते रहे है। भाजपा जब तक अपनी नीतियां नहीं बदलती, हम विरोध करते रहेगें।
श्री यादव ने आचार्य नरेन्द्र देव और सरदार पटेल को अपने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि आचार्य जी विलक्षण विद्वान और समाजवादी चिंतक थे। उनके भाषण क्रांतिकारी होते थे। प्रखर वक्ताओं में उनके बाद मौलाना अबुल कलाम आजाद की ही चर्चा होती थी। सरदार बल्लभ भार्इ पटेल ने देश की आजादी के बाद छोटी-बड़ी सभी रियासतो को भारतीय संघ में शामिल कर भारत की एकता को मजबूत किया। उन्होने कहा समाजवादी आंदोलन से गैर कांग्रेसवाद को बल मिला। आपातकाल में लोकतंत्र की हत्या की गर्इ। इसके बाद कांग्रेस अकेले बहुमत में आने से बहुत दूर हो गर्इ है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि देश बनाने का संघर्ष समाजवादियों ने किया है। उनकी नीतियों पर चलकर उनके सपनों को पूरा करना है तो संघर्ष करना होगा। नौजवान हीनता की भावना त्यागें। समाजवादी पार्टी भेदभाव मिटाकर सबको साथ लेकर चलने पर विश्वास करती हैं। हम मानते हैं कि वायदा खिलाफी भ्रष्टाचार है। इसलिए समाजवादी पार्टी सरकार के पांच साल के चुनावी वायदे अधिकांश डेढ़ साल में ही पूरे कर दिए गए है। अब एक बड़ी चुनौती लोकसभा चुनाव के रूप में सामने है। हमें एक संकल्प और सशक्त विचारधारा के साथ केन्द्र में वैकलिपक सरकार बनाने का लक्ष्य पूरा करना है।
इस मौके पर सर्वश्री अरविन्द सिंह गोप, राममूर्ति वर्मा, राजा चतुुर्वेदी, राजीव कुमार सिंह, योगेश प्रताप सिंह, एस0पी0 यादव, नर्इमुल हसन, नफीस अहमद, जरीना उस्मानी, राज किशोर मिश्र, (मंत्रिगण) एस0आर0एस0 यादव, प्रदेश सचिव श्रीमती चन्द्रा रावत, श्रीमती आशा किशोर(विधायक), फिदा हुसैन अंसारी, जनार्दन ओझा, विजय यादव बृजेश यादव, पी0डी0 तिवारी, नरेन्द्रमणि त्रिपाठी, संगीता यादव, पारस यादव, सियाराम यादव, कमलाकांत प्रजापति, सूर्य कुमार सिंह, जगदीप सिंह, धर्मानन्द तिवारी, प्रेमचन्द्र गुप्ता, रामपति राजभर, मो0 एबाद, जगन्नाथ यादव, चंदि्रका पाल, डा0 आशालता सिंह, दिनेश यादव, सागर धानुक, राम सागर यादव, रमाशंकर यादव, ताराचन्द्र यादव, धनज्जय शर्मा, संजीव मिश्रा, प्रेम प्रकाश वर्मा, अशोक देव, रजिया नवाज, मा0 शेर अली खां संजय सविता विधार्थी, सिराज अली, इरफान अली, राज लक्ष्मी आगा, शहीन फातिमा, राधेलाल, राकेश पाण्डेय, रशिम पाण्डेय आदि हजारों की उपसिथति उल्लेखनीय रही।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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