Categorized | लखनऊ.

विश्व संवाद केन्द्र जियामऊ लखनऊ के अधीश सभागार में आज सरदार वल्लभ भार्इ पटेल की जयंती के अवसर पर

Posted on 01 November 2013 by admin

विश्व संवाद केन्द्र जियामऊ लखनऊ के अधीश सभागार में आज सरदार वल्लभ भार्इ पटेल की जयंती के अवसर पर सरदार पटेल  और राष्ट्रवाद विषय  पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में आर्इआर्इएम के प्रो. भारत भास्कर बाजपेर्इ और विशिष्ट अतिथि नेशनल यूनियन आफ जर्नलिस्ट (इणिडया) के पूर्व अध्यक्ष पीयूष कान्त राय उपसिथत थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार व पूर्व राज्यसभा सांसद राजनाथ सिंह ‘सूर्य उपसिथत थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आर्इआर्इएम के प्रो. भारत भास्कर बाजपेर्इ ने कहा कि लौहपुरुष सरदार बल्लभ भार्इ पटेल ने आजादी के बाद रियासतों में बंटे देश को एक सूत्र में पिरोया था। विशाल भारत की कल्पना बिना सरदार पटेल के बिना पूरी नहीं होती।
उन्होंने कहा कि सरदार पटेल गांधी के विचारों से पूर्णतया प्रभावित थे। जब चंपारण में गांधी जी की बात कोर्इ नहीं सुनता था उस समय सरदार पटेल आगे आये और जनता की वेदना को समझते हुए सबको अंग्रेजों के खिलाफ खड़ा किया। उनके बारे में कहा जाता है कि वे देश के लिए सोचते समय अपनी आलोचना की भी परवाह नहीं करते थे। आजादी के बाद सरदार पटेल के ऊपर 565 रियासतों और बि्रटिश काल के दौरान उपनिवेशीय प्रांतों को भारत में मिलाने की जिम्मेदारी आ गर्इ। पटेल ने अपनी कूटनीतिक और रणनीतिक कुशलता से इस कर्तव्य को बखूबी निभाया और जरूरत पड़ने पर बल प्रयोग से भी नहीं चूके।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ पत्रकार व पूर्व राज्यसभा सांसद राजनाथ सिंह सूर्य ने कहा कि भारतीयों को उनकी संस्कृति व सभ्यता से अलग करने के लिए अंग्रेजों ने नये इतिहास का सृजन किया। जिसका प्रभाव आज तक दिखार्इ पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि सारे भेदभाव के बावजूद कश्मीर से कन्याकुमारी  तक सांस्कृतिक राष्ट्रवाद   है उसे हिन्दुत्व कह सकते हैं। सबसे पहले डा. भीमराव अम्बेडकर ने हिन्दुत्व शब्द का प्रयोग किया था।  वर्तमान रानीतिक परिदृश्य पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि आज राजनीतिक दल साम्प्रदायिकता से लड़ने की बात करते हैं और जातिवाद और सम्प्रदायवाद को बढ़ावा देते हैं। दुनिया के किसी भी देश में आरक्षण की व्यवस्था नहीं है लेकिन भारत में आरक्षण के नाम पर समाज को बांटने का काम किया जा रहा है। देश की 14 प्रान्तीय कमेटियों में से 13 कमेटियों ने अध्यक्ष पद के लिए सरदार पटेल का नाम सुझाया था लेकिन फिर भी उन्होंने कांग्रेस को संगठित करने के लिए अध्यक्ष नहीं बने।
कार्यक्रम को नेशनल यूनियन आफ जर्नलिस्ट (इणिडया) के पूर्व अध्यक्ष पीयूष कान्त राय,
द हिन्दू के पूर्व विशेष संवाददाता जे.पी.शुक्ल, अखिल भारतीय मजदूर संघ के कोषाध्यक्ष सर्वेश चन्द्र, लखनऊ जनसंचार एवं पत्रकारिता संस्थान लखनऊ के निदेशक अशोक सिन्हा ने भी संबोधित किया।
कार्यक्रम का संचालन विश्व संवाद केन्द्र के प्रमुख राजेन्द्र ने किया। धन्यवाद ज्ञापन दिवाकर अवस्थी ने किया। इस अवसर पर, विश्व हिन्दू परिषद के विभाग संगठन मंत्री हरिश्चन्द्र, संघ के जिला प्रचारक सुरेन्द्र, निशांत, अखिलेश यादव, आशीष त्रिपाठी, रवि जायसवाल एवं संघर्ष वर्मा सहित तमाम लोग उपसिथत थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

May 2024
M T W T F S S
« Sep    
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  
-->









 Type in