भारतीय जनता पार्टी ने सपा सरकार पर भय और आतंक का माहौल कायम करने का आरोप लगाया है। पार्टी प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक का कहना है कि तुनक मिजाज मंत्री आजम खां सपा की मजबूरी हो सकते है, प्रदेश के आवाम की नही? उनके कार्यालय में तैनात अधिकारियों द्वारा उन पर लगे आरोपो के मददेनजर मुख्यमंत्री हस्तक्षेप करें।
पार्टी के राज्य मुख्यालय पर बुधवार को चर्चा के दौरान प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि जब मंत्री की असंसदीय भाषा और आचरण उनके साथ रहने वाले अधिकारी, कर्मचारी, बर्दास्त नही कर पा रहे हैं, तो प्रदेश का आवाम कैसे बर्दास्त कर पायेगी? आर्इ0ए0एस0, पी0सी0एस0 और अब सचिवालय संवर्ग के अधिकारियों से मंत्री की व्यवहारगत शिकायते गंभीर हैं। अपनी तुनकमिजाजी और अल्पसंख्यक तुष्टीकरण नीतियों के लिए मशहूर यह मंत्री लगातार ब्यूरोक्रेसी पर हमलावर रहे हैं। अधिकारियों का मनोबल गिराने के लिए कभी डण्डे से बात करनी चाहिए जैसा वक्तव्य देने वाले, प्रमुख सचिव पर मुसलमान विरोधी होने का सार्वजनिक रूप से आरोप लगाने वाले और अपने विभागीय अधिकारियों को लगातार प्रताडि़त करने की मानसिकता से सार्वजनिक रूप से उनके साथ दुव्र्यवहार करने के आरोपी इन मंत्री के करण राज्य के विकास को भी ग्रहण लगा है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने साथ किये गये व्यवहार पर चुप्पी साध ली थी पर अब तो जिस तरह से सचिवालय संवर्ग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने आजम खां के साथ काम न करने की बात कही है, वह एक गम्भीर प्रकरण है। आखिरकार क्या कारण है कि लगातार अधिकारियों के साथ अनबन इस मंत्री महोदय के साथ हो रही है। प्रमुख सचिव नगर विकास छुटटी पर हंै। नगरीय निकायों में विकास कार्य तालमेल के अभाव में प्रभावित हो रहा है। मंत्री की राजनैतिक एजेण्डे के तहत मोदी जी को घेरने की असफल कोशिश रहती है, बजाय इसके कि अपने विभाग का कार्य करें व अपनी उपलबिधयों का बखान करें।
श्री पाठक ने कहा कि आजम खां राज्य में महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री होने के बावजूद अपने अहंकार में लगातार मंत्री मण्डल की बैठकों में अनुपसिथत हो अपनी ही सरकार के लिए संकट खड़े करते रहे हैं। राजनैतिक मजबूरी सपा प्रमुख मुलायम सिंह की हो सकती है किन्तु अपनी इस राजनैतिक मजबूरी को वह प्रदेश की आवाम पर क्यों थोप रहे है? क्यों इस प्रकार के वातावरण का निर्माण होने दे रहे जिससे राज्य की कार्यसंस्कृति प्रभावित हो।
श्री पाठक ने कहा कि कल की रैली में मुख्यमंत्री से आजम का बड़ा कद है, मुलायम यह संदेश देने में कामयाब तो रहे लेकिन यह संवैधानिक प्रक्रिया व प्रोटोकाल के खिलाफ है। सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव बेहतर होता कि आजम से पार्टी का काम लेते। कम से कम उत्तर प्रदेश में उनके पुत्र मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से लगाए राज्य के अधिकारी, कर्मचारी राहत तो महसूस करते जो इन मंत्री महोदय की तुनक मिजाजी से परेशान है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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