उत्तर प्रदेश के दुग्ध विकास मंत्री जी राममूर्ति वर्मा कल यहाँ गन्ना संस्थान में पूर्वान्ह 11:00 बजे गोकुल पुरस्कार का वितरण करेंगे। प्रादेशिक कोआपरेटिव डेयरी फेडरेशन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न जनपदों के ऐसे सर्वश्रेष्ठ उत्पादकों को पुरस्कृत किया जायेगा जो सहकारी दुग्ध समिति के सदस्य हैं। इस कार्यक्रम में दुग्ध विकास के राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त सलाहकार श्री सुनील सिंह भी शिरकत करेंगे।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विगत वर्षों की गोकुल पुरस्कार राशि को दोगुनी करने की स्वीकृति प्रदान की गयी है। विजेताओं को 22000.00 रूपये की धनराशि का चेक एवं पीतल धातु पर गाय के साथ दूध पीता हुआ बछड़ा व श्री कृष्ण की मूर्ति प्रतीक चिन्ह स्वरूप दी जायेगी।
याद दिलाते चलें कि उत्तर प्रदेश देश में सर्वाधिक दूध उत्पादन करने वाला प्रदेश है। उत्तर प्रदेश मेें प्रतिदिन 754 लाख किग्रा0 दुग्ध का उत्पादन हो रहा है जो देश के कुल दुग्ध उत्पादन का लगभग 18 प्रतिशत है। प्रदेश में दूध की प्रति व्यकित उपलब्धता 289 ग्राम है जबकि पूरे भारत में दूध की प्रति व्यकित उपलब्धता 281 ग्राम है। ग्राम स्तर पर पशुपालन एवं दुग्ध व्यवसाय कृषि के सह व्यवसाय के रूप में अपनाया जा रहा है। इसमें 70 से 80 प्रतिशत भूमिहीन, लघु एवं सीमान्त कृषकों की सहभागिता है।
प्रदेश के 97941 ग्रामों में से वर्तमान में 13000 ग्रामों में दुग्ध समितियाँ दुग्ध समूह कार्यरत हैं, जिनमें स्वरोजगार के लिये गाय एवं भैंस पालन कर दुग्ध उत्पादन व विक्रय महत्वपूर्ण सहरोजगार के रूप में अपनाया जा रहा है। वर्ष 2001-02 में शासन द्वारा दुग्ध सहकारिता के क्षेत्र में स्वच्छ, उच्च गुणवत्ता एवं अधिकतम दुग्ध उत्पादन के लिये दुग्ध उत्पादकों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा लाने के लिये गोकुल पुरस्कार से पुरस्कृत करने का निर्णय लिया गया था और तभी से लगातार दुग्ध उत्पादकों को सम्मानित किया जाता रहा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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