भारतीय जनता पार्टी (सामाजिक न्याय एवं चुनाव प्रबन्धन) उत्तर प्रदेश के संगठनमंत्री
श्री प्रकाश पाल व भाजपा (मछुआरा प्रकोष्ठ), उ0प्र0 के प्रदेश संयोजक चौ0 लौटन राम निषाद ने समाजवादी पार्टी की
रथ यात्राओं को राजनैतिक नाटक करार देते हुये अतिपिछड़ों का ध्यान मा0 उच्च न्यायालय इलाहाबाद के द्वारा पिछड़े
वर्ग के आरक्षण के संदर्भ में दिये गये निर्णय से हटाने के लिए राजनैतिक साजिश बताया। उन्होंने कहाकि 24 अक्टूबर
को लखनऊ से शुरू रथ यात्राओं को अतिपिछड़ों ने नकार दिया। अतिपिछड़ों व पिछड़ों का समर्थन न मिलते हुये देख
मुलायम ने 29 अक्टूबर की आजमगढ़ में होने वाली सामाजिक न्याय रैली का नाम बदल कर देश बचाओं, देश बनाओं
रैली का नाम दे दिये। उन्होंने कहाकि लोक सेवा आयोग में त्रिस्तरीय आरक्षण व्यवस्था को सपा सरकार द्वारा वापस
लेने से पिछड़ा, दलित वर्ग तथा मा0 उच्च न्यायलय के 03 अक्टूबर, 2013 के पिछड़े वर्ग के आरक्षण के संदर्भ में आये
निर्णय से अतिपिछड़ा वर्ग सपा व मुलायम के पिछड़ा वर्ग विरोधी मानसिकता को समक्ष गया है और अब मुलायम के
बहकावे में आने वाला नहीं है।
भाजपा नेताओं ने कहाकि आगामी 21 नवम्बर को विश्व मातिस्यकीय दिवस व 24 नवम्बर को अतिपिछड़े वर्ग
के संगठनों के प्रतिनिधि सम्मेलन में सामाजिक न्याय समिति - 2001 की रिपोर्ट व मा0 उच्च न्यायालय के निर्णय
की प्रतियों को वितरित कर पूरे प्रदेश में मुलायम व सपा सरकार की अतिपिछड़ा विरोधी नीतियों को बताकर जागरूक
करने का काम किया जायेगा। उन्होंने समाजवादी पार्टी की सामाजिक न्याय रथ यात्रा व जन अधिकार रथ यात्रा को
अतिपिछड़ों का ध्यान उच्च न्यायालय के निर्णय से हटाने के लिए एक साजिश का हिस्सा है। उन्होंने कहाकि यदि
मुलायम सिंह यादव ने नैतिकता हो तो सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट को लागू कर अतिपिछडों व सर्वाधिक पिछड़ों
को आरक्षण व सामाजिक न्याय देने का काम करें। मण्डल कमीशन के सम्मानित सदस्य एल.आर. नायक जी ने भी
कृषक व मध्यवर्ती जातियों को 27 में से 12 प्रतिशत व अत्यन्त पिछड़ी, पुश्तैनी पेशेवर व कृषि मजदूर जातियों को 15
प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था का सुझाव दिया था।
भाजपा नेताओं ने कहाकि महाराष्ट्र, आन्ध्रप्रदेश, केरल में पिछड़े वर्गों का कर्इ उपवर्ग बनाकर अलग- अलग
आरक्षण की व्यवस्था की गयी है, तथा बिहार, पशिचम बंगाल, तमिलनाडु, हरियाणा में अन्य पिछड़े वर्ग का दो वर्गों में
उपविभाजन का जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कहाकि जब अन्य राज्यों में ऐसी
व्यवस्था है तो उ0प्र0 में पिछड़ों का वर्गी विभाजन करने में क्या हर्ज है? उन्होंने कहाकि काठ की हांडी एक बार चढ़ती
है, बार-बार नहीं। 17 अतिपिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने के नाम पर कर्इ बार मुलायम इनका
वोट ले चुके हैं। यदि राजनैतिक र्इमानदारी हो तो संविधान के अनुच्छेद 16(4) के आधार पर प्रदेश में विशेष आरक्षण
की व्यवस्था करें। उन्होंने कहाकि यह जनता से छिपा नहीं है कि 2004 से केन्द्र की सरकार सपा व बसपा के ही समर्थन
से चलती आ रही है और यदि माया व मुलायम की मंशा ठीक होती तो केन्द्र सरकार से इन जातियों को आरक्षण का
लाभ दिला दिये होते। परन्तु वोट बैंक की राजनीति के लिए केवल राजनैतिक षड़यंत्र अतिपिछड़ों के साथ किया जा
रहा है। उन्होनें आजमगढ़ की देश बचाओ, देश बनाओ रैली को फ्लाप बताते हुये कहाकि सपा ने जिस मंशा से रैली
का आयोजन किया था, उसमें वह सफल नहीं हो पायी और यह रैली मात्र प्रशासनिक हमला व सपा के नेताओं के
जमावड़ा भर ही रह गयी, पिछडों, अतिपिछड़ों ने बिलकुल नकार दिया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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