भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया कि आजमगढ़ में समाजवादी पार्टी द्वारा आयोजित ßदेश बचाओं देश बनाओंß रैली की सफलता के लिए अखिलेश सरकार सरकारी संसाधनों का दुरूपयोग कर रही है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा सपाराज में उत्तर प्रदेश-दंगा प्रदेश बन गया। सपा सरकार लगातार हो रहे दंगों और अराजकता को तो रोक नहीं पा रही रैली कर रही है ßदेश बचाओं देश बनाओंß। उन्होने कहा सरकारी मशीनरी की बूते ßरैली शोß आयोजित करने वाले सत्तारूढ़ दल सपा को बताना चाहिए कि दंगों के पीडि़तों को मुआवजे और आरक्षण के नाम पर भेदभाव करने वाले देश को कैसे बचा पायेंगे? प्रदेश बच नही रहा, प्रदेश बन नहीं रहा चले है सरकारी संसाधनों के भरोसे ßदेश बचाओं देश बनाओंß रैली करने।
श्री पाठक ने सोमवार को कहा सामाजिक न्याय यात्रा निकाल रही समाजवादी पार्टी अपनी यात्राओं के माध्यम से अखिलेश सरकार के राज में हो रहे समाज के विभिन्न वर्गो के साथ हो रहे अन्याय का उत्तर नहीं दे रही है। आरक्षण को लेकर समाज में इस न्याय यात्रा के माध्यम से सपा ने खड़े किए उनका उत्तर जब जनता ने पलट कर पूछां तो यात्रा निकालने वाले नेता बगले झांकने लगे। आखिर जिन जातियों के साथ आरक्षण के नाम पर भेदभाव का खेल सपा सरकार खेल रही है, उनकी सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए इन 18 महीनों के कार्यकाल में सामाजवादी पार्टी की सरकार ने क्या किया? सरकार के वर्तमान कार्यकाल मेंं कुल चायनित पिछड़ों के आरक्षण में से इन 17 जातियों में से चयन का प्रतिशत क्या है? सरकार में राजनैतिक भागीदारी से लगाये नौकरशाही में इनको कितने प्रतिशत हिस्सेदारी है?
श्री पाठक ने कहा कि उत्तर प्रदेश में नरेन्द्र मोदी की सफलतम रैलियों के कारण सत्तारूढ़ दल में घबराहट है। उसी घबराहट में पूरी सरकारी मशीनरी समाजवादी पार्टी ने अपनी आजमगढ़ की रैली की सफलता के लिए झोक दिया है। पूर्वांचल के जिलाधिकारियों को भीड़ जुटाने, संभागीय परिवहन अधिकारियों को रैली के लिए बसों की व्यवस्था किये जाने के दायित्व के साथ-साथ मंत्रियों ने अपने अपने विभागीय अधिकारियों को संसाधन जुटाने का जिम्मा सौंप दिया है। घबराहट का आलम यह है कि रोज लखनऊ से ये निर्देश जा रहे है कि रैली में जुटने वाली भीड़ मोदी की रैलियों की भीड़ से कम न हो। सरकार के कददावर मंत्रियों ने अपने-अपने विभागीय अधिकारियों को समाजवादी पार्टी की रैली के लिए होने वाले खर्चो का प्रबंध करने को कह दिया है।
उन्होंने कहा कि देश बचाने और देश बनाने के नाम पर रैली कर रही समाजवादी पार्टी क्या यह उत्तर देगी कि मुजफ्फरनगर में सत्ता के संरक्षण में जो खून की होली खेली गयी। उनके लिए कौन जिम्मेदार है? मुजफ्फरनगर दंगों में पीडि़त पक्ष को मुआवजे के नाम पर अखिलेश सरकार वोट बैंक की राजनीति कर रही है तभी तो मुआवजा सिर्फ मुसिलम परिवारों को ही दिये जाने का निर्णय किया गया है। सरकार ने 90 करोड़ रूपये खर्च कर विस्थापित परिवारों को एकमुस्त सहायता राशि देने की बात कही। जिन 1800 परिवारों को चिनिहत किया गया वे सभी मुसलमान है क्या मुजफ्फरनगर में दंगा पीडि़त केवल मुसलमान है? वहां जो कतले आम हुआ क्या केवल मुसलमानों का हुआ? कहीं भी साम्प्रदायिक संघर्ष की घटना होती है तो दोनो समुदायों के लोग पीडि़त होते है। सामाजिक ताना बाना टूटता है। मुजफ्फरनगर में भी यही हुआ। मुजफ्फरनगर में शुरूआत से ही एक पक्ष में खड़ी अखिलेश सरकार भरोसा न पैदा कर पाने की अपनी नाकामी को मुआवजे के मरहम से भरना चाहती है। आखिर जो लोग शरणार्थी कैम्पों में रह रहे थे, उन्हे सरकार यह भरोसा क्यों नही दिला पायी कि उनके सुरक्षा के इंतजाम किये जायेगे।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि सरकार का कोर्इ मजहब नही होता, पर यह सरकार मजहबी आधार पर फैसले लेती है और चलती है देश बनाने और बचाने की बात करने।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com