उत्तर प्रदेश के अवस्थापना एवं औधोगिक विकास आयुक्त श्री आलोक रंजन ने लखनऊ के बंथरा में एक प्रसिद्ध सीड कम्पनी द्वारा बीज उत्पादन कारखानों की स्थापना के प्रस्ताव पर स्थानीय प्रशासन के संबंधित विभागों की हीला-हवाली की जानकारी मिलने पर आज सभी संबंधित विभागों को अपने कार्यालय में बुलाकर प्रस्ताव का परीक्षण करवाया और प्रस्ताव को विभागों द्वारा उचित पाए जाने पर क्लीयरेंस प्रदान कराया।
आन्ध्र प्रदेश की प्रसिद्ध प्रमाणित बीज उत्पादन कम्पनी नुजीवीडू सीडस लिमिटेड ने उत्तर प्रदेश में प्रमाणित गुणवत्तापरक बीजों की भारी कमी की जानकारी पाए जाने पर यहां 50 हजार कुन्तल क्षमता के बीज उत्पादन इकार्इ की स्थापना का प्रस्ताव लखनऊ जिला प्रशासन के डिसिट्रक्ट इण्डस्ट्रीज सेन्टर, पोल्यूशन बोर्ड, नेशनल हार्टीकल्चर बोर्ड, लखनऊ इण्डसिट्रयल अथारिटी (लीडा) बिजली विभाग में अपना प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था, परन्तु वहां लम्बे अरसे तक निर्णय न हो पाने की सिथति में उसने अपना बोरिया-बिस्तर समेटना शुरू किया। इसी बीच कम्पनी के महाप्रबन्धक श्री ऋषि अरोड़ा ने यहां से विदा लेने के पूर्व एक बार अवस्थापना एवं औधोगिक विकास आयुक्त से मिलने की सोची और उनसे फोन से सम्पर्क किया तो तुरन्त मुलाकात तय हो गर्इ और जब आर्इ.आर्इ.डी.सी. श्री आलोक रंजन को यह पता चला की विभिन्न विभागों से क्लीयरेन्स पेडिंग रहने के कारण उधमी निराश हो गया है और अब वह वापस जाने की सोच रहा है तो उन्होंने कम्पनी के प्रतिनिधि से कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की सोच है कि उधमी और निवेशक इस राज्य के अधिकारियों के व्यकितगत मेहमान की तरह है और मैं भी महसूस करता हूँ कि मेरे प्रदेश के हित में उधमी और निवेशक व्यकितगत मेहमान की तरह हैं और इसलिए उन्हें सबसे ज्यादा प्राथमिकता मिलनी चाहिए। उन्होंने आश्वस्त करते हुए कहा कि उधमियों और निवेशकों के लिए जिला स्तरीय अधिकारियों को रेड कारपेट वेलकम देना होगा और आवश्यकता पड़ने पर वह इसके लिए आदेश भी जारी करेंगे। उन्होंने तत्काल सभी संबंधित जिला स्तरीय विभागों को 25 अक्टूबर के लिए अपने यहां बैठक में नुजीवीडू सीडस लिमिटेड के प्रस्ताव की फाइल सहित आकर प्रस्ताव पर विश्लेषण करने और विचार करने के लिए निर्देश दिए।
आज 25 अक्टूबर को आर्इ.आर्इ.डी.सी. के कार्यालय में प्रमुख सचिव कृषि श्री देबाशीष पाण्डा, विशेष सचिव कृषि श्री निखिल चन्द्र शुक्ला, निदेशक उधोग, कानपुर श्री सर्वेश शुक्ला, नुजीवीडू सीडस लिमिटेड के महाप्रबन्धक श्री ऋषि अरोड़ा, उनके कंसल्टेन्ट डा0 आर.पी. सिंह और स्थानीय प्रबन्धक श्री विनय चौरसिया व अन्य संबंधित जिला स्तरीय अधिकारी फाइले लेकर आए और 20 मिनट की बैठक में सभी विभागों ने प्रस्ताव को क्लीयरेन्स प्रदान कर दिया था। वहीं बैठक में ही डिसिट्रक्ट इण्डस्ट्रीज सेन्टर, पोल्यूशन बोर्ड, नेशनल हार्टीकल्चर बोर्ड, बिजली विभाग ने समुचित अनुमोदन और एन.ओ.सी. उधमी को प्रदान कर दिया। अभी लीडा और अगिनशमन विभाग की एन.ओ.सी. नहीं मिली है जिसके लिए आर्इ.आर्इ.डी.सी. ने 31 अक्टूबर की डेडलाइन इन विभागों के लिए तय कर दी है।
अनुमोदन पाने के बाद उत्साहित उधमी ने आर्इ.आर्इ.डी.सी. को आश्वस्त किया कि निर्धारित समय में इकार्इ की स्थापना कर प्रति घण्टे 100 कुन्तल गुणवत्तापरक बीज का उत्पादन करते राज्य के किसानों कों हर साल 50 हजार कुन्तल गुणवत्तापरक प्रमाणित बीज उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा बंथरा के आस-पास के 1500 किसानों को बीज उत्पादन की प्रक्रिया में शामिल कर उनकी अर्थ-व्यवस्था सुदृढ़ की जाएगी। उन्होंने बताया कि अच्छी क्वालिटी के बीज की उपलब्धता बनाए रखने, अच्छे अंकुरण और समयानुसार आपूर्ति बनाए रखने के लिए 32 हजार कुन्तल क्षमता का एक कोल्ड स्टोरेज भी स्थापित किया जाएगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्र में काफी संख्या में रोजगार का विकास भी होगा। इसके साथ ही नुजीवीडू सीडस लिमिटेड 10 एकड़ क्षेत्र में एक शोध और विकास केन्द्र की योजना बना रहा है। ताकि विभिन्न फसलों के बीजों के विकास और परीक्षण व मूल्यांकन की सुविधा स्थानीय स्तर पर उपलब्ध हो सके। उन्होंने बताया कि कम्पनी धान, मक्का, कपास, बाजरा, गेहूं, सूरजमुखी जैसे महत्वपूर्ण जिन्सों के बीजों के उत्पादन में महारत रखती है। इस कम्पनी की स्थापना हैदराबाद में 1973 में हुर्इ थी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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