भारतीय जनता पार्टी ने अखिलेश सरकार पर आरोप लगाया कि प्रदेश के कर्इ जिलों में अवैध शराब ßलधु उधोगß का रूप ले चुकी है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को राज्य में अवैध शराब से हो रही मौतों के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होने कहा 29 अक्टूबर को समाजवादी पार्टी की आजमगढ़ में प्रस्तावित रैली से पहले आजमगढ़ की जनता जिले में अवैध शराब पीने से हुर्इ लगभग चार दर्जन मौतों को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी से चाहती है।
प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि अखिलेश यादव जो स्वयं आबकारी महकमें के भी मंत्री है की नीतिया राज्य में अवैध शराब के कारोबार को बढ़ावा दे रही है। पूरे राज्य में अवैध शराब बनाने का काम लघु उधोग के रूप में फैल रहा है। अपने चुनावी भाषणों में शाम की दवार्इ सस्ती होगी(शराब) का दावा करने वाले अखिलेश यादव ने ऐसी नीतियां बनाकर लागू की कि वैध शराब का काम उनके अपने चहेतों को मिल गया। अब मुख्यमंत्री के चहेतों ने अधिक लाभ पाने के उददेश्य से अपने चहेतों को अवैध शराब के कारोबार में लगा दिया।
उन्होने कहा आजमगढ़ में हुर्इ मौतो में प्रशासनिक लापरवाही उजागर हुर्इ। राज्य का गृह विभाग इस प्रकरण में यह कहता है कि इधर तीन-चार दिन से छुटटी चल रही है इसलिए पता नही चल पाया। घोर अपतितजनक है, यह दर्शाता है कि सरकार संवेदनशील मामलों पर कैसे टालू रवैया अपनाती है। क्या अब घटनाएं यह देखकर होगी की सरकारी अवकाश का दिन तो नही है। अपने राजनैतिक नफे नुकशान के लिए छुटटी के दिन देर रात निलंबनस्थानांनतरण सहित प्रशासनिक कार्य कर रही अखिलेश सरकार इस गंभीर मामले पर कैसा टालू रवैया अपना रही है।
श्री पाठक ने कहा कि आजमगढ़ में हुर्इ लगभग चार दर्जन मौतों में गरीब आदमी की मृत्यु हुर्इ। सस्ती शराब के चक्कर में परिवार के परिवार उजड़ गये। प्रशासनिक मशीनरी ने अराजकता का एैसा वातावरण बनाया कि कर्इ लोगों ने तो अपने परिजनों के तो बगैर सूचना दिये, अंतिम संस्कार तक कर दिये गये। घटना की सूचना मिलने के बाद भी स्थानीय प्रशासन लगातार टालू रवैया अपनाये हुए है। लोगों में दहशत का वातावरण बनाया गया।
उन्होने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस पूरी घटना के पीछे कहीं न कहीं सत्तारूढ दल के नेताओं का भी संरक्षण है। कठपुतलियों को पकड़कर खानापूर्ति की जा रही है। असल आरोपियों को बचाने का प्रयास हो रहा है। आजमगढ़ की जनता को सरकार 29 अक्टूबर को बड़े जोर शोर से अपनी नीतियां तो बताने जा रही है पर लगभग 4 दर्जन हुर्इ मौतों से उजड़े परिवारों को राहत कौन देगा? कुण्डा सहित अलग-अलग प्रकरणों में मुआवजे की रााशि का वितरण कर रही अखिलेश सरकार आखिर यह हुर्इ मौतों पर कोर्इ अनुग्रह राशि क्यों नही दे पा रही है? भाजपा ने इस घटना के असल दोषियों पर कठोर कार्यवाही, मौत के इस मंजर की वजह से उजड़ गये परिवारों को बसाने तथा मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रूपये की सहायता राशि दिये जाने की मांग की।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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